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स्वात घाटी में बुद्ध प्रतिमा का सिर उड़ाया | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
पाकिस्तान में पेशावर से 200 किलोमीटर से दूर स्वात घाटी के जहानाबाद इलाक़े में 2200 साल पुरानी महात्मा बुद्ध की प्रतिमा को बारूद से उड़ाने की कोशिश की गई है. जिसमें मूर्ति का सिर पूरी तरह नष्ट हो गया है. जबकि प्रतिमा के पैर और कंधे को भी बहुत नुक़सान पहुँचा है. स्वात गंधार सभ्यता का केंद्र रहा है और यहाँ 2000 साल से भी पुरानी मूर्तियाँ हैं. स्वात संग्रहालय के क्यूरेटर के मुताबिक़ शनिवार शाम चार बजे लोगों ने प्रतिमा को बारूद से उड़ाने की कोशिश की. 18 दिन पहले इसी मूर्ति को बारूद से उड़ाने की कोशिश की गई थी. 2001 में तालेबान लड़ाकों ने बामियान में मौजूद गौतम बुद्ध की प्राचीन विशाल प्रतिमाओं को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया था. पुरातत्वविदों का कहना है कि बामियान बुद्ध की प्रतिमाओं के बाद भारतीय उपमहाद्वीप की ये सबसे प्राचीन और अहम बुद्ध प्रतिमाएँ हैं. सभ्यता का गढ़
ये दुर्लभ मूर्ति ऊँचे चट्टान को तराशकर बनाई गई थी, इसमें बुद्ध को ध्यान की मुद्रा में बैठा दिखाया गया है. पाकिस्तान में बुद्ध प्रतिमाओं को निशाना बनाने की यह पहली घटना है. पुलिस के अनुसार चरमपंथियों ने प्रतिमाओं को खंडित करने का प्रयास मंगलवार को किया. स्वात घाटी को गंधार-बुद्ध सभ्यता का गढ़ माना जाता है. यह पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है, क्योंकि यहाँ अब भी बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. यहाँ 2000 साल से भी अधिक पुरानी प्रतिमाएँ हैं. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2001 में अफ़ग़ानिस्तान में बामियान की बेजोड़ प्रतिमाएँ तालेबान शासकों ने यह कह कर तोड़ दी थीं कि वे ग़ैर-इस्लामी हैं. इस काम की विश्व भर में आलोचना हुई थी और तालेबान को रोकने के प्रयास भी किए गए थे. लेकिन इस अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद तालेबान ने प्राचीन प्रतिमाओं को ध्वस्त कर दिया. | इससे जुड़ी ख़बरें क्या फिर मुस्कुराएंगे बामियान के बुद्ध? 25 अगस्त, 2007 | भारत और पड़ोस अफ़ग़ान धरोहर की वापसी16 मार्च, 2007 | भारत और पड़ोस अफ़ग़ानिस्तान समयचक्र - 209 सितंबर, 2005 | भारत और पड़ोस अफ़ग़ानिस्तान समयचक्र - 109 सितंबर, 2005 | भारत और पड़ोस बामियान के पहाड़ों पर फिर दिखेंगे बुद्ध10 अगस्त, 2005 | भारत और पड़ोस विमान का मलबा मिला, छह की मौत01 दिसंबर, 2004 | भारत और पड़ोस | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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