|
हिंदीभाषियों की हत्या के विरोध में बंद | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम में हिंदीभाषी लोगों की लगातार हो रही हत्या के विरोध में आज बारह घंटे का बंद है जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. पूरे राज्य में दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और साथ ही सभी स्कूल कॉलेज भी. सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति सामान्य से कम रही और सड़कों पर वाहनों की आवाजाही काफी कम दिखी. हालांकि विमान परिवहन सामान्य रहा. पिछले हफ्ते कारबी आंगलांग ज़िले में लगातार हिंदीभाषियों को निशाना बनाया गया और चरमपंथियों ने 36 लोगों की हत्या कर दी. हिंदीभाषियों की रक्षा कर पाने में प्रशासन की कथित नाकामी के विरोध में इस हड़ताल का आह्वान किया गया है. प्रमुख विपक्षी दल असम गण परिषद ने राज्य सरकार के इस्तीफ़े की मांग की है और पूरे मामले की स्वतंत्र जांच की भी मांग की है. गृह राज्य मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल समेत वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं और राज्य में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की जा रही है. इस बात पर भी विचार किया जा रहा है कि कारबी आंगलांग में विद्रोहियों के ख़िलाफ नए सिरे से अभियान छेड़ा जाए या नहीं. चरमपंथियों के ताज़ा हमले में रंगमहल घाट गांव में चरमपंथियों ने छह लोगों को मार डाला था. पिछले हफ्ते इस तरह की घटनाओं में तीस से अधिक लोग मारे गए थे. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एस के गोगोई का कहना है कि चरमपंथी कारबी आंगलांग ज़िले को निशाना बनाते हैं क्योंकि यहां सुरक्षा बलों की तैनाती कम है. | इससे जुड़ी ख़बरें असम में हमले, 14 की मौत05 जनवरी, 2007 | भारत और पड़ोस 'अल्फ़ा हिंसा छोड़े तो बातचीत संभव'12 जनवरी, 2007 | भारत और पड़ोस 'किसी भी स्थिति में हिंसा बर्दाश्त नहीं'16 जनवरी, 2007 | भारत और पड़ोस अल्फ़ा ने हिंदीभाषियों को फिर चेतावनी दी18 जनवरी, 2007 | भारत और पड़ोस असम में फिर हिंसा, एक की मौत19 जनवरी, 2007 | भारत और पड़ोस असम में धमाका, एक की मौत21 जनवरी, 2007 | भारत और पड़ोस असम में दो धमाके, एक की मौत23 जनवरी, 2007 | भारत और पड़ोस | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||