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बुधवार, 25 जुलाई, 2007 को 09:06 GMT तक के समाचार

परमाणु समझौते को कैबिनेट की मंज़ूरी

भारत सरकार ने अमरीका के साथ असैनिक परमाणु समझौते से जुड़े मसौदे को मंज़ूरी दे दी है. इस मसौदे पर वाशिंगटन में पिछले हफ़्ते सहमति बनी थी.

सरकार का कहना है कि इस परमाणु समझौते में भारत की चिंताओं का ध्यान रखा गया है.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की राजनीतिक मसलों की समिति (सीसीपीए) और सुरक्षा मामलों की समिति (सीसीएस) की साझा बैठक में समझौते के मसौदे को मंज़ूरी दी गई.

लगभग एक घंटे तक चली बैठक के बाद विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा, "मसौदे में भारत की सभी चिंताओं का पूरा-पूरा ध्यान रखा गया है."

बैठक में विदेश मंत्री के अलावा रक्षा मंत्री एके एंटनी, गृहमंत्री शिवराज पाटिल, वित्त मंत्री पी चिंदबरम, कृषि मंत्री शरद पवार और रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव भी मौजूद थे.

बैठक में असैनिक परमाणु समझौते के मसौदे का आकलन किया गया.

1-2-3 के नाम से जाने जाने वाले इस समझौते के मसौदे के बारे में प्रधानमंत्री संसद में भी बयान देंगे.

संसद का मानसून सत्र 10 अगस्त से शुरू हो रहा है.

समझौता

1-2-3 समझौते का उल्लेख अमरीकी परमाणु ऊर्जा क़ानून में है. इसमें किसी भी देश के साथ परमाणु करार की क्या शर्तें होंगी, इसका उल्लेख किया गया है.

भारत और अमरीका के सुरक्षा सलाहकारों के बीच पिछले हफ़्ते वाशिंगटन में बातचीत हुई थी.

भारत के सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन की अगुवाई में भारतीय दल ने परमाणु हथियारों, ईंधन की अबाधित आपूर्ति और परमाणु ईंधन के फिर से उपयोग संबंधी अपनी चिंताओं को अमरीका के सामने रखा.

मनमोहन सिंह प्रस्तावित समझौते के प्रावधानों के बारे में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लोकसभा में विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी और जसवंत सिंह को जानकारी देंगे.

सहमति बनाने की प्रक्रिया में प्रधानमंत्री गुरुवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेताओं से मुलाक़ात करेंगे.