गुरुवार, 12 जुलाई, 2007 को 16:33 GMT तक के समाचार
पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ ने पुरज़ोर शब्दों में कहा है कि वे पाकिस्तान से चरमपंथ और आतंकवाद का ख़ात्मा करने के लिए पूरी तरह वचनबद्ध हैं.
उन्होंने लाल मस्जिद के सैनिक अभियान की समाप्ति के बाद राष्ट्र के नाम संबोधन में ये बात कही है.
परवेज़ मुशर्रफ़ ने मस्जिद को "आतंकवादियों से मुक्त कराने के लिए" सैनिकों की तारीफ़ की और इस अभियान में मारे गए सैनिकों को शहीद बताया. उन्होंने कहा कि इन सैनिकों का ख़ून देश के काम आया है.
उन्होंने कहा, "दुर्भाग्यवश हमें अपने लोगों के ख़िलाफ़ ही कार्रवाई करनी पड़ी क्योंकि वे रास्ता भटक कर आतंकवाद की ओर चले गए थे."
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने आख़िरी मिनट तक एहतियात से काम लिया और कोशिश की कि कम से कम जानें जाएँ, "हम शांति से मसले को हल करना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हो सका."
'इस्लाम के नाम पर...'
उन्होंने कहा, "हमें पता था कि अंदर लड़कियाँ हैं, बच्चे हैं इसलिए कार्रवाई करने में हमने इतना समय लिया, हमारा एक ही मक़सद था कि मासूम जानें न जाएँ."
परंपरागत तरीक़े से बिस्मिल्लाह-ए-रहमाने रहीम से अपने भाषण की शुरूआत करते हुए मुशर्रफ़ ने कहा, "ये कैसा इस्लाम है, ये लोग किस तरह के इस्लाम की नुमाइंदगी कर रहे थे?" उन्होंने सवाल पूछा कि "एक देश के रूप में हम क्या चाहते हैं?"
उन्होंने कहा, "इस्लाम के नाम पर इन लोगों ने आतंकवाद की ट्रेनिंग की और मदरसे को लड़ाई का मोर्चा बना दिया."
पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने ज़ोर देकर कहा, "मैं पाकिस्तान में किसी मदरसे को आतंकवादियों के हाथों इस्तेमाल नहीं होने दूँगा."
लाल मस्जिद में हुए सैनिक अभियान में 75 लोगों और 10 सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि की गई है.
मंगलवार से शुरू हुई 36 घंटे की सैनिक कार्रवाई के बाद पाकिस्तानी सेना ने कहा है कि लाल मस्जिद पर पूरी तरह से नियंत्रण स्थापित कर लिया गया है.
लाल मस्जिद में मारे गए कट्टरपंथी इस्लामी नेता अब्दुल रशीद ग़ाज़ी का उनके गाँव में अंतिम संस्कार कर दिया गया है.