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बुधवार, 25 जुलाई, 2007 को 13:12 GMT तक के समाचार
 
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व्यावसायियों ने किया नेताओं का बहिष्कार
 

 
 
व्यवसायी इसलिए नाराज है क्योंकि मुख्यमंत्री ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया था
झारखंड में व्यावसायियों और नेताओं के बीच टकराव बढ़ता दिख रहा है और व्यावसायियों ने नेताओं के बहिष्कार का ऐलान किया है.

फ़ेडरेशन ऑफ़ झारखंड चेंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने फ़ैसला किया है कि मंत्री, विधायक सहित राज्य के किसी भी नेता को व्यावसायी अपने कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं करेंगे.

दरअसल, व्यावसायियों के सरकार के साथ रिश्तों में तल्ख़ी तब आई, जब मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने चेंबर के प्रतिनिधियों से मिलने से इनकार कर दिया था.

विरोधस्वरूप व्यावसायियों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाए.

विरोध

राज्य के व्यावसायी पिछले कई महीनों से आंदोलनरत हैं और हाल ही में जमशेदपुर के एक उद्यमी के अपहरण के बाद तो ये मनमुटाव और बढ़ गया.

अपहृत उद्यमी का कोई सुराग अभी पुलिस के हाथ नहीं लगा है.

व्यवसायियों का कहना है कि अगर सरकार उन्हें सुरक्षा नहीं दे सकती, तो उन्हें हथियारों के लाइसेंस दिए जाएँ.

 सरकार हमें सुरक्षा नहीं दे सकती तो हमें अपनी हिफ़ाजत खुद करने के लिए हथियारों के लाइसेंस दिए जाएँ. हम हथियारों के लाइसेंस के लिए सामूहिक आवेदन करेंगे
 
अरुण बुधिया, झारखंड चेंबर ऑफ़ कॉमर्स

चेंबर के अध्यक्ष अरुण बुधिया कहते हैं, “सरकार हमें सुरक्षा नहीं दे सकती तो हमें अपनी हिफ़ाजत खुद करने के लिए हथियारों के लाइसेंस दिए जाएँ. हम हथियारों के लाइसेंस के लिए सामूहिक आवेदन करेंगे.”

औद्योगिक नीति का लागू न होना, कृषि पर अधिभार को एक फ़ीसदी से बढ़ाकर दो फ़ीसदी करना, वैट की विसंगतियां दूर करना, क्रय और विस्थापन नीति का लागू न होना कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिन्हें लेकर व्यावसायी सरकार से नाराज़ चल रहे हैं.

बिगड़ती क़ानून व्यवस्था ने दोनों के बीच के फ़ासले को और बढ़ा दिया है.

चेंबर के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन जालान कहते हैं, “राज्य का कोई भी मंत्री या नेता इन मुद्दों पर व्यवसायियों से बात नहीं करना चाहता. राज्य बनने के बाद विकास की जो भी संभावनाएँ नज़र आ रहीं थीं, नेताओं के नकारात्मक रवैये कारण ख़त्म हो रही हैं.”

व्यवसायियों ने चरणबद्ध आंदोलन के तहत पाँच अगस्त को राँची में राज्य भर के व्यवसायियों की बैठक बुलाई है, जहाँ आंदोलन की आगे की रणनीति तय की जाएगी.

 
 
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