|
लाल मस्जिद में ग़ाज़ी मारे गए | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
इस्लामाबाद की लाल मस्जिद में की गई सैनिक कार्रवाई में प्रबंधक अब्दुल रशीद ग़ाज़ी मारे गए हैं, उनकी लाश मस्जिद परिसर में स्थित मदरसे के तहख़ाने से मिली है. पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने इसकी पुष्टि कर दी है, मंगलवार की सुबह से शुरू हुए अभियान में अब तक मस्जिद के भीतर ग़ाज़ी और उनके अलावा कुल 50 लोग मारे गए हैं जबकि आठ सैनिकों की भी मौत हो गई है. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता जावेद इक़बाल चीमा ने बताया, "उन्हें तहख़ाने में देखा गया और बाहर निकलने को कहा गया, उनके साथ चार-पाँच चरमपंथी थे जिन्होंने सैनिकों पर गोलियाँ चलाईं और जवाबी गोलीबारी में ग़ाज़ी मारे गए." उन्होंने कहा, "मस्जिद के अंदर के कुछ इलाक़ों को अभी कब्ज़े में लिया जाना बाक़ी है, इस गोलीबारी में दूसरे चरमपंथी भी मारे गए हैं." चीमा ने कहा कि "ग़ाज़ी ने कई महिलाओं को अपने सुरक्षा कवच के रूप में सामने रखा था." मगर गाज़ी किसी को जबरन मस्जिद परिसर में रोक कर रखे जाने के आरोपों का खंडन करते रहे थे. गाज़ी के बड़े भाई मौलाना अब्दुल अज़ीज़ पुलिस की हिरासत में हैं, वे पिछले सप्ताह उस समय गिरफ़्तार किए गए जब वे लाल मस्जिद से बुर्क़ा पहनकर भागने की कोशिश कर रहे थे. अपने मारे जाने के कुछ ही घंटे पहले उन्होंने कहा जियो टीवी को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा था, "मेरी शहादत अब तय है." अब तक 51 चरमपंथियों ने आत्मसमर्पण किया है जबकि 29 सैनिकों के घायल होने की ख़बर है. रशीद गाज़ी की माँ भी इस मदरसे में अपने बेटे के साथ ही थीं, पाकिस्तान के सैनिक अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि उनकी भी मौत हो गई है. एक सैनिक अधिकारी ने कहा कि उनकी माँ की मृत्यु दम घुटने के कारण हुई है. तहख़ाना बताया जा रहा है कि मदरसे के तहख़ाने में कई महिलाएँ मौजूद हैं इसलिए सैनिक बहुत एहतियात के साथ आगे बढ़ रहे हैं, सेना के प्रवक्ता के मुताबिक़ मस्जिद के नब्बे प्रतिशत हिस्से पर क़ब्ज़ा कर लिया गया है और 'ऑपरेशन साइलेंस' अपने अंतिम दौर में पहुँच रहा है. घटनास्थल पर मौजूद पत्रकारों का कहना है कि अभी भी सुरक्षा बलों और चरमपंथियों के बीच गोलीबारी जारी है. इस सैनिक कार्रवाई के दौरान लाल मस्जिद की इमारत को काफ़ी नुक़सान पहुँचा है. अभी तक घायल होने वाले लोगों की सही संख्या का पता नहीं चल सका है, इस्लामाबाद के अस्पतालों में पत्रकारों के जाने पर पाबंदी लगा दी गई है. इस्लामाबाद और उसके निकटवर्ती शहर रावलपिंडी के सभी अस्पतालों से बड़ी तादाद में एंबुलेंसों को दौड़ते हुए देखा जा रहा है. लाल मस्जिद के आसपास के इलाक़े में पिछले आठ दिन से कर्फ़्यू लागू है जिसकी वजह से स्थानीय लोगों को भारी दिक़्क़त का सामना करना पड़ रहा है. |
इससे जुड़ी ख़बरें लाल मस्जिद: गोलीबारी में कमांडो की मौत08 जुलाई, 2007 | भारत और पड़ोस मुशर्रफ़ ने मस्जिद के छात्रों को चेताया07 जुलाई, 2007 | भारत और पड़ोस लाल मस्जिद में अब तक 21 जानें गईं06 जुलाई, 2007 | भारत और पड़ोस मुशर्रफ़ के विमान पर हमले का खंडन06 जुलाई, 2007 | भारत और पड़ोस महिलाओं को निकालने के लिए... 06 जुलाई, 2007 | भारत और पड़ोस लाल मस्जिद की घेराबंदी जारी05 जुलाई, 2007 | भारत और पड़ोस 'बच्चे नादान हैं, उन्हें बचाओ'05 जुलाई, 2007 | भारत और पड़ोस कट्टरपंथियों की कोई शर्त मंज़ूर नहीं05 जुलाई, 2007 | भारत और पड़ोस | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||