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लाल मस्जिद पर बातचीत के लिए दल | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
रिपोर्टों के मुताबिक पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ ने लाल मस्जिद मामले पर बात करने के लिए वार्ताकारों की एक टीम बनाई है. ख़बर है कि ये वार्ताकार इस्लामिक नेताओं से बात करेंगे जिन्होंने सलाह दी है कि जब तक किसी समझौते के आसार हैं, तब तक सैनिक अंदर नहीं भेजे जाने चाहिए. पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने मदरसों की निगरानी करने वाली मुख्य संस्था के नेता से भी बातचीत की है. लाल मस्जिद भी इसी संस्था से जुड़ी हुई है. मदरसों के संगठन के नेता हनीफ़ जालंधरी ने कहा, "हम कोशिश कर रहे हैं कि ख़ून खराबा न हो, ख़ासकर महिलाओं और बच्चों को नुकसान न पहुँचे. हम कोशिश कर रहे हैं कि ये गतिरोध शांतिपूर्ण तरीके से ख़त्म हो जाए." लेकिन इस मुद्दे को लेकर सरकार का रुख़ लगातार कड़ा होता जा रहा है. विवाद पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्री एजाज़ उल हक़ ने कहा है कि 'इस्लामाबाद की लाल मस्जिद में ऐसे इस्लामी चरमपंथियों का कब्ज़ा है जिनकी तलाश है.'' हालांकि उनके इस दावे की पुष्टि नहीं हो पाई है. एजाज़ उल हक़ कहना था कि लाल मस्जिद के अंदर चरमपंथियों ने महिलाओं और बच्चों को बंधक बना रखा है. जबकि मस्जिद के नेता अब्दुल रशीद ग़ाज़ी ने कहा है कि वहाँ कोई भी प्रतिबंधित कट्टपंथी संगठन मौजूद नहीं हैं. इस बीच पाकिस्तान के पेशावर शहर में तीन चीनी नागरिक मार दिए गए हैं. कहा जा रहा है कि हमले का संबंध लाल मस्जिद पर सैन्य कार्रवाई से हो सकता है. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि लाल मस्जिद के आस-पास रात को गोलीबारी होती रही लेकिन पिछले दिनों के मुकाबले झड़पों में कमी आई है. 'आत्मसमर्पण नहीं' इस्लामाबाद स्थित लाल मस्जिद को पिछले सात दिनों से पाकिस्तानी सेना ने घेर रखा है और मस्जिद में मौजूद लोगों से आत्मसमर्पण करने को कहा जा रहा है. लगभग एक सप्ताह से लाल मस्जिद और उससे संबंधित मदरसे में रहने वाले कट्टरपंथी छात्रों और सेना के बीच संघर्ष चल रहा है जिसके कारण अबतक कम से कम 24 लोग मारे जा चुके हैं. इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शौकत अज़ीज़ ने कहा था कि लाल मस्जिद से हो रही कार्रवाई से यह साफ़ है कि वहाँ कुछ प्रशिक्षित चरमपंथी भी मौजूद हैं. शौकत अज़ीज़ ने कहा, "सही तौर पर तो यह किसी को नहीं पता है कि मस्जिद में चरमपंथी हैं पर जिस तरह की कार्रवाई उनकी तरफ से हो रही है उससे साफ है कि अंदर कुछ प्रशिक्षित चरमपंथी मौजूद हैं." उन्होंने कहा, "जब भी ये लोग बाहर आएंगे तो पता लग जाएगा कि ये चरमपंथी कहाँ से हैं और इनमें से कितनों की प्रशासन को तलाश है." बीबीसी संवाददाता का कहना है कि ऐसी ख़बरें भी हैं कि मस्जिद के अंदर प्रतिबंधित जैशे मोहम्मद जैसे संगठनों का नियंत्रण है. इस संगठन के सदस्य राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ पर हुए जानलेवा हमलों में भी शामिल रहे हैं और माना जाता है कि इसका संबंध अल क़ायदा से है. रविवार को मस्जिद के अंदर मार्चा संभाले छात्रों ने सेना के एक लेफ्टिनेंट कर्नल की गोलीमार कर हत्या कर दी थी. दूसरी ओर मस्जिद के मौलवी अब्दुल रशीद ग़ाज़ी कह चुके हैं कि वो और उनके समर्थक आत्मसमर्पण करने के बजाए आत्महत्या करना पसंद करेंगे. |
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