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लाल मस्जिद गतिरोध पर बातचीत
 
पिछले कई दिनों से रह-रहकर झड़पें हो रही हैं
पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ ने इस्लामाबाद की लाल मस्जिद के अंदर मोर्चा जमाए लोगों से बातचीत के लिए एक दल को भेजा है.

इस दल ने लाल मस्जिद के अंदर मोर्चा जमाए लोगों से लाउडस्पीकर के जरिए लगभग एक घंटे बातचीत की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला.

इसके बाद उलेमा के माध्यम से बातचीत देर रात तक चल रही थी.

इसके पहले सोमवार को राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ ने एक उच्च स्तरीय बैठक की जिसमें यह फ़ैसला किया गया कि बातचीत के लिए एक दल भेजा जाए जो मस्जिद में फंसीं महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित बाहर निकालने का प्रयास करे.

सरकार ने इस दल का नेतृत्व की ज़िम्मेदारी पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी शुजात हुसैन को सौंपी है.

 मासूम लोग दोनों तरफ़ से चलने वाली गोलियों का निशाना बन रहे हैं, ऐसी हालत में हत्या के लिए ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई होनी चाहिए चाहे वे सुरक्षा बलों के लोग हों या हथियारबंद कट्टरपंथी
 
जस्टिस महमूद नवाज़ अब्बासी, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश

दूसरी ओर पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि लाल मस्जिद में जारी सैनिक कार्रवाई नहीं रोकी जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सात धार्मिक नेताओं की समिति का संपर्क लाल मस्जिद के अंदर बैठे उसके प्रबंधक अब्दुल रशीद ग़ाज़ी से तत्काल करवाया जाए.

पाकिस्तान सरकार की तरफ़ से एटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया कि आत्मसमर्पण करने वाले लोगों की जान को कोई ख़तरा नहीं होगा और उनके ख़िलाफ़ क़ानून के मुताबिक़ कार्रवाई होगी.

ग़ाज़ी अब्दुल रशीद ने माँग की है कि उन्हें और उनके हथियारबंद साथियों को मस्जिद से निकलने का सुरक्षित रास्ता दिया जाए, इस माँग के बारे में अदालत ने कोई टिप्पणी नहीं की है.

सुप्रीम कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राणा भगवान दास ने दो जजों का एक बेंच नियुक्त करके मामले पर ग़ौर करने का निर्देश दिया था.

जस्टिस महमूद नवाज़ अब्बासी ने कहा है कि मस्जिद में मासूम बच्चे बंधक बनाकर रखे गए हैं इसलिए यह मामला बहुत गंभीर है.

जस्टिस अब्बासी ने कहा कि मासूम लोग दोनों तरफ़ से चलने वाली गोलियों का निशाना बन रहे हैं, ऐसी हालत में हत्या के लिए ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई होनी चाहिए चाहे वे सुरक्षा बलों के लोग हों या हथियारबंद कट्टरपंथी.

सरकार की चिंता

अदालत में मौजूद केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जावेद इक़बाल चीमा ने कहा है कि सरकार जल्द से जल्द मामले का निबटारा चाहती है, उन्होंने कहा कि "लाल मस्जिद के अंदर कई आतंकवादी छिपे हैं जिनकी सरकार को बरसों से तलाश रही है."

मस्जिद परिसर में कितने लोग हैं यह पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता

ब्रिगेडियर चीमा का कहना था कि "ये आतंकवादी छात्र-छात्राओं को बाहर निकलने नहीं दे रहे हैं", उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि कुछ छात्र-छात्राएँ बाहर जाने के लिए भूख हड़ताल कर रहे हैं.

लाल मस्जिद के अंदर मौजूद हथियारबंद लोगों और सुरक्षा बलों के बीच टकराव में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है.

मौक़े पर मौजूद बीबीसी संवाददाता का कहना है कि लाउडस्पीकर से लोगों से अपील की जा रही है कि वे आत्मसमर्पण कर दें. दूसरी ओर लाल मस्जिद के इलाक़े में कर्फ्यू जारी है.

इस्लामाबाद पुलिस ने मौलाना अब्दुल रशीद ग़ाज़ी और उनके साथियों के ख़िलाफ़ कर्नल हारुन इस्लाम के क़त्ल का मुकदमा दर्ज कर लिया है, उनकी मौत शनिवार को गोली लगने से हो गई थी.

 
 
लाल मस्जिद के छात्रलाल मस्जिद का महत्व
लाल मस्जिद का मुस्लिम कट्टरपंथ से नाता करीब एक दशक पुराना है.
 
 
लाल मस्जिदहमारे बच्चों को बचाओ
लाल मस्जिद के अंदर मौजूद बच्चों के माता पिता बेहद घबराए हुए हैं.
 
 
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