मंगलवार, 19 जून, 2007 को 03:40 GMT तक के समाचार
दक्षिणी अफ़ग़ानिस्तान के पर्वतीय इलाक़ों में भीषण संघर्ष चल रहा है जिसमें पिछले तीन दिनों में सौ से अधिक लोग मारे गए हैं.
मरनेवालों में बड़ी संख्या में आम नागरिक शामिल हैं.
उरुज़गान की प्रांतीय परिषद के प्रमुख मौलवी हमदुल्ला ने बीबीसी को बताया कि उनकी जानकारी के अनुसार तालेबान के साथ नैटो और अफ़ग़ान सेनाओं के संघर्ष में 60 आम नागरिक मारे गए हैं.
हालांकि स्थानीय पुलिस प्रमुख का दावा है कि मरनेवाले आम नागरिकों और सैनिकों की संख्या बहुत कम है.
हमीदुल्ला का कहना था कि उन्होंने अफ़ग़ान राष्ट्रपति करज़ई से अनुरोध किया है कि वो हेलिकॉप्टर भेजें ताकि घायलों को काबुल लाया जा सके.
दूसरी ओर पक्तिया प्रांत के गवर्नर अकरम खपलवाक का कहना था कि अमरीकी नेतृत्ववाली गठबंधन सेनाओं का अफ़ग़ान प्रशासन से कोई तालमेल नहीं है.
उनका कहना था कि यही वजह है कि रविवार की रात को किए हवाई हमले में सात बच्चे मारे गए.
गठबंधन सेनाओं ने संदिग्ध अल क़ायदा के ठिकाने पर हमला किया था जिसमें कई विद्रोही और बच्चे मारे गए थे.
अमरीकी नेतृत्ववाली सेना का आरोप है कि विद्रोही आम नागरिकों का इस्तेमाल ढाल के रूप में कर रहे हैं.
सुरक्षाबलों पर हमला
इसके पहले रविवार को अफ़ग़ानिस्तान में एक पुलिस बस पर हुए आत्मघाती हमले में कम से कम 35 लोगों की मौत हो गई थी.
इस हमले में मारे गए लोगों में से अधिकतर पुलिस अधिकारी थे.
रविवार का यह विस्फोट वर्ष 2001 में तालेबान शासन के ख़त्म होने के बाद हुए सबसे बड़े हमलों में से एक माना जा रहा है.
धमाके के बाद तालेबान की ओर से कहा गया है कि इस घटना को उनके चरमपंथी ने अंजाम दिया.
यह धमाका काबुल स्थित पुलिस मुख्यालय के बाहर उस वक्त हुआ जब सुबह बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर थे.
जिस बस में यह धमाका हुआ है उसमें पुलिस अकादमी के प्रशिक्षकों और पुलिस अधिकारियों को ले जाया जा रहा था.
पिछले कुछ दिनों में अफ़ग़ानिस्तान में यह पाचवाँ आत्मघाती हमला है. इन हमलों में अभी तक कम से कम 50 लोगों की मौत हो चुकी है.