गुरुवार, 31 मई, 2007 को 02:07 GMT तक के समाचार
नारायण बारेठ,
बीबीसी संवाददाता, राजस्थान
राजस्थान में अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग को लेकर गूजरों के बंद के दौरान सवाई माधोपुर ज़िले में पुलिस के साथ झड़प में चार लोगों की मौत हो गई है और कई स्थानों पर तोड़फोड़ की घटना हुई है.
गूजर समुदाय ने आज राज्य के पाँच प्रमुख शहरों और कई क़स्बों में बंद का आह्वान किया था जिस दौरान सवाई माधोपुर ज़िले के बोली गांव में हिंसा हुई.
पुलिस ने तीन मौतों की पुष्टि कर दी है. इससे पहले दौसा में मंगलवार को गूजर समुदाय और पुलिस के बीच संघर्ष के बाद फायरिंग में 14 लोगों की मौत हो गई थी.
आज बंद के दौरान कई जगह पुलिस थाने और सरकारी कार्यालय जला दिए गए हैं. जयपुर-अजमेर रोड में प्रदर्शनकारियों ने दो ट्रकों को जला दिया है.
विराट नगर में उग्र आंदोलनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को हवाई फ़ायरिंग करनी पड़ी है.
इस बीच सरकार द्वारा गठित चार मंत्रियों के समूह और गूजर समुदाय के नेताओं के बीच दूसरे दौर की बातचीत होने जा रही है.
बुधवार की रात दौसा में हुई बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला था.
तोड़फोड़-आगजनी
राज्य के कोटा, अजमेर, करोली, टौंक, अलवर और सवाई माधोपुर शहरों सहित कई क़स्बों में बंद का असर दिख रहा है.
कोटा, धौलपुर और भरतपुर से ख़बरें हैं कि कई पुलिस थानों और सरकारी कार्यालयों में प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी है.
उधर जयपुर-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो ट्रकों में आग लगा दी गई है जिसमें दो ट्रक ड्राइवर घायल हुए हैं.
विराट नगर में हिंसक हो गए प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को हवाई फ़ायर करना पड़ा है. हालांकि इसमें किसी के हताहत होने की ख़बरें नहीं हैं.
कई जगहों से प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़पों की ख़बरें हैं.
राज्य के कई शहरों में तनाव की स्थिति बनी हुई है और सुरक्षाबल स्थिति पर निगरानी रखे हुए हैं.
आरक्षण
अब तक अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल गूजरों का कहना है कि उन्हें इस वर्ग में रहकर आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है और अब उन्हें अनुसूचित जनजाति में शामिल किया जाना चाहिए.
सत्ता में आने से पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने इसका आश्वासन दिया था लेकिन अब तक कुछ नहीं हो सका है.
इस बीच गुरुवार को राज्य के खाद्यमंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने कहा है कि अनुसूचित जनजाति के लोग आरक्षण में बँटवारे के लिए तैयार नहीं हैं.
उनका कहना है कि आदिवासी विधायक इसे लेकर पहले से ही एकजुट हैं.
उल्लेखनीय है कि मीणा समुदाय अनुसूचित जनजाति में शामिल है और पिछले दशकों में इस आरक्षण का समुदाय को बहुत लाभ मिला है.
इस बीच राज्य के तीस मीणा विधायकों ने एक बैठक भी की है.
सरकार ने इस मामले में गूजरों से बात करने के लिए चार मंत्रियों की एक समिति बना दी है.
इस समिति ने बुधवार की रात गूजर नेताओं से चर्चा की थी. दूसरे दौर की बात गुरुवार की शाम फिर हो रही है.
राजनीति तेज़
गूजरों के विरोध ने अब राजनीतिक रंग लेना भी शुरु कर दिया है.
राज्य की भाजपा सरकार के पांच गूजर विधायकों ने पार्टी नेतृत्व से इस्तीफ़ा देने की अनुमति मांगी है. इनमें ग्रामीण विकास मंत्री कालूलाल गूजर भी शामिल है.
उन्होंने कहा कि मंगलवार की घटना से वो व्यथित हैं इसलिए चाहते हैं कि पार्टी उन्हें इस्तीफ़ा देने की अनुमति दे दे. भाजपा अपने विधायकों को मनाने का प्रयास कर रही है.
इस बीच, कांग्रेस नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी के नेतृत्व में दौसा जा रहे पाँच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. हालाँकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया.
भाजपा ने अपने प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर को राजस्थान भेजा है.