शनिवार, 26 मई, 2007 को 23:59 GMT तक के समाचार
ज़ुबैर अहमद
बीबीसी संवाददाता, मुंबई
मुंबई में रविवार को हज़ारों आदिवासी और दलित हिंदू धर्मांतरण करके बौद्ध धर्म अपनाने जा रहे हैं.
दावा किया जा रहा है कि आधुनिक भारत के इतिहास का सबसे बड़ा धर्मांतरण होगा.
जस्टिस पार्टी के अध्यक्ष उदित राज का कहना है कि धर्मांतरण करने वालों की संख्या एक लाख तक हो सकती है.
उन्होंने कहा, "दलितों को इज्जत तभी मिलेगी जब वे मौजूदा सामाजिक वर्ण व्यवस्था से बाहर निकलेंगे. इसीलिए दलित-आदिवासी बौद्ध धर्म अपना रहे हैं."
संभावना है कि तिब्बत के निर्वासित नेता दलाई लामा इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे.
कुछ दक्षिणपंथी हिंदू संगठन इस तरह के धर्मांतरणों का विरोध करते रहे हैं.
धर्मांतरण करने वालों को उम्मीद है कि इसके ज़रिए वे उस जातिप्रथा से बाहर निकल सकेंगे जिसमें उन्हें सबसे निचले तबके का माना जाता है.
हालांकि सरकार ने दलितों और आदिवासियों को आरक्षण देने की व्यवस्था की है लेकिन इससे उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में बहुत सुधार नहीं हुआ है.
वैसे भारत में धर्मांतरण एक विवादित विषय रहा है. विशेषकर अगर वह हिंदू से इस्लाम या ईसाइयत में धर्मांतरण हो.
हालांकि हिंदुओं के बौद्ध हो जाने का अब तक ख़ास विरोध नहीं हुआ है क्योंकि बौद्ध धर्म को एक तरह से हिंदू धर्म का ही विस्तार माना जाता है.