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मंगलवार, 29 मई, 2007 को 13:08 GMT तक के समाचार
 
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कश्मीर में सेना की 'सदभावना' पर सवाल
 

 
 
सेना
सेना का कहना है कि उसने ग्रामीण इलाकों में कई स्कूल और अस्पताल खोले हैं
भारत प्रशासित कश्मीर के मुफ़्ती आज़म ने सेना के 'सदभावना' अभियान पर सवाल उठाते हुए कहा है कि उसे मस्जिदों और मदरसों के पुनर्निर्माण का हक़ नहीं है.

मुफ़्ती बशीरुद्दीन ने सेना पर मुसलमानों के धार्मिक मामलों में अनावश्यक दखल देने का आरोप लगाया और कहा, "मुसलमानों के अलावा और कोई भी मस्जिद का निर्माण नहीं कर सकता."

मुसलमानों के धार्मिक मसलों पर फ़तवा जारी करने का हक़ रखने वाले मुफ़्ती बशीरुद्दीन ने मुसलमानों ख़ासकर मौलवियों से सेना की इस योजना का पुरज़ोर विरोध करने की अपील भी की है.

सैन्य पक्ष

सेना का कहना है कि उसने घाटी में दरगाहों और मस्जिदों के पुनर्निर्माण पर लगभग 55 लाख रुपए ख़र्च किए हैं.

 इस अभियान का उद्देश्य लोगों को ये संदेश देना है कि हम हर तरीके से उनकी मदद करना चाहते हैं
 
एके माथुर, प्रवक्ता, सेना

इसमें से 20 लाख रुपए बडगाम ज़िले में आग़ा आयतुल्लाह सैयद मेहदी की दरगाह के पुनर्निर्माण पर ख़र्च हुए.

ये सभी काम वर्षों पहले शुरू किए गए सेना के सदभावना अभियान के तहत हुए.

सदभावना अभियान के तहत सेना ने अधिकांशत ग्रामीण इलाकों में स्कूल और अन्य सुविधाएँ मुहैया कराई हैं.

सेना के एक प्रवक्ता कर्नल एके माथुर कहते हैं, "इस अभियान का उद्देश्य लोगों को ये संदेश देना है कि हम हर तरीके से उनकी मदद करना चाहते हैं."

सदभावना बेअसर

मीरवाइज़ उमर फ़ारूख़
मीरवाइज़ का मानना है कि ऐसे अभियानों से कश्मीरियों की असली समस्याएँ हल नहीं होंगी

दूसरी ओर, जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता परवेज़ इमरोज़ का कहना है कि सैनिकों की भारी संख्या से प्रभावित घाटी के लोग ऐसी 'सदभावना' से खुश नहीं हैं.

उनका कहना है, "सदभावना का 'लाभ उठाने वालों' ने हमें बताया कि उन्होंने सिर्फ़ डर के चलते ही सेना की पेशकश स्वीकार की है."

परवेज़ ने सेना के 'सदभावना' अभियान पर सवाल उठाते हुए कहा, "हो सकता है कि सेना ने गाँव में स्कूल बनाया हो, लेकिन जब उसके कब्जे वाले स्कूलों, अस्पतालों और निजी बागों को खाली कराने की बात आती है तो वह इससे इनकार क्यों करती है."

हुर्रियत का रुख़

दरअसल, सेना के सदभावना अभियान पर शुरुआती प्रहार अलगाववादी संगठन ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ़्रेंस (एपीएचसी) के उदारवादी धड़े के नेता मीरवाइज़ उमर फ़ारुख़ ने किया.

 इस तरीकों से न तो वे लोगों का दिल और मन जीत सकते हैं और न ही लोगों का ध्यान असलियत से दूर कर सकते हैं
 
मीरवाइज़ फ़ारुख़, हुर्रियत नेता

श्रीनगर की जामा मस्जिद में एक सभा में मीर वाइज़ ने कहा कि भारतीय सेना ने कश्मीर में मुस्लिमों के पवित्र धार्मिक स्थलों को नष्ट और नापाक किया है.

मस्जिदों और दरगाहों के पुनर्निर्माण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "इन तरीकों से न तो वे लोगों का दिल जीत सकते हैं और न ही लोगों का ध्यान असलियत से दूर कर सकते हैं."

सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि सेना सदभावना अभियान के तहत लोगों की मदद करती रहेगी, हालाँकि वह इस बारे में कहने से बचे कि मस्जिदों और दरगाहों का पुनर्निर्माण आगे भी जारी रहेगा या नहीं.

 
 
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