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कराची में जनजीवन ठप्प | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
पाकिस्तान में हुई दो दिनों की हिंसा के बाद सोमवार को बुलाई गई हड़ताल के चलते कराची में दुकानें बंद पड़ी हैं. इस हिंसा में कुल 41 लोग मारे गए थे. उधर पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के एक उच्च अधिकारी सईद हमाद रज़ा की इस्लामाबाद में हत्या कर दी गई है. पुलिस का कहना है कि अधिकारियों की हत्या चोरों ने की है. पुलिस ने कहा है कि ऐसा नहीं लगता कि इस हत्या का संबंध इफ़्तिख़ार चौधरी के निलंबन से जुड़ी हिंसा से है. निलंबित मुख्य न्यायाधीश इफ़्तिख़ार चौधरी के समर्थकों ने हिंसा के बाद पाकिस्तान में हड़ताल का आह्वान किया है. साथ ही कई विपक्षी दलों ने भी सोमवार को देशव्यापी हड़ताल की अपील की है. इस बीच पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इफ़्तिख़ार चौधरी के निलंबन की सुनवाई शनिवार को राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ और निलंबित मुख्य न्यायाधीश इफ़्तिख़ार चौधरी के समर्थकों के बीच हिंसक झड़पें हुई थीं जिसमें 34 लोग मारे गए थे. शनिवार की हिंसक घटनाओं के बाद रविवार को भी कराची में हिंसा जारी रही जिसमें छह और लोग मारे गए. मृतकों के अंतिम संस्कार के दौरान भी गोलीबारी होती रही. अब अधिकारियों ने कराची में राजनीतिक रैलियों पर रोक लगा दी है. सिंध के आंतरिक मंत्रालय के सचिव ब्रिगेडियर ग़ुलाम मोहम्मद ने एएफ़पी को बताया है कि कराची में अब पाँच से ज़्यादा लोगों के एक जगह इकट्ठा होने पर रोक है.
कराची के पुलिस प्रमुख अज़हर फ़ारुखी ने रॉयटर्स को बताया कि शहर में अभी भी तनाव है लेकिन कोई हिंसा नहीं हुई है. उन्होंने बताया, शहर में दुकानें बंद पड़ी हैं, सड़कों पर बहुत कम सार्वजनिक यातायात है. लोग डरे हुए हैं. मुख्य न्यायाधीश इफ़्तिख़ार चौधरी के समर्थन में वकीलों ने सोमवार को इस्लामाबाद में रैली निकालने का फ़ैसला किया है. राष्ट्रपति मुशर्रफ़ ने शनिवार को एक रैली में कहा था कि ख़ूनखराबे की वजह यह है कि चौधरी के निलंबन के मुद्दे को सियासी बना दिया गया. उन्होंने लोगों से शांति की अपील की और कहा कि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट को फ़ैसला करने दें. हिंसा की वजह
इफ़्तिख़ार चौधरी शनिवार को कराची में रैली को संबोधित करने वाले थे लेकिन उन्हें हवाई अड्डे पर ही रोक लिया गया और वो रैली को संबोधित नहीं कर सके. इसके बाद राष्ट्रपति मुशर्रफ़ और निलंबित मुख्य न्यायाधीश इफ़्तिख़ार चौधरी के समर्थकों के बीच हिंसक झड़पें शुरू हो गईं जिसमें अनेक लोग मारे गए. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि परवेज़ मुशर्रफ़ की समर्थक मानी जाने वाली पार्टी मुत्तहिदा क़ौमी मूवमेंट यानी एमक्यूएम ने अशांति फैलाई. लेकिन एमक्यूएम ने इन आरोपों का खंडन किया है. इस्लामाबाद में बीबीसी संवाददाता बारबरा प्लेट का कहना है कि विपक्षी दलों ने जस्टिस इफ़्तिख़ार चौधरी के निलंबन के मुद्दे को सैन्य शासन के ख़िलाफ़ एक अभियान का रूप दे दिया है. राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ ने इफ़्तिख़ार मोहम्मद चौधरी को अपने अधिकारों का दुरुपयोग करने के आरोप में नौ मार्च को मुख्य न्यायाधीश पद से निलंबित कर दिया था. उसके बाद से वकीलों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने इफ़्तिख़ार चौधरी के समर्थन में व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन किए हैं. | इससे जुड़ी ख़बरें कराची में हिंसा नहीं थमी, छह और मौतें13 मई, 2007 | भारत और पड़ोस कराची में 34 मारे गए, चौधरी लौटे12 मई, 2007 | भारत और पड़ोस इफ़्तिख़ार चौधरी के कई समर्थक गिरफ़्तार05 मई, 2007 | भारत और पड़ोस इफ़्तिख़ार चौधरी के ख़िलाफ़ जाँच स्थगित07 मई, 2007 | भारत और पड़ोस पाकिस्तान में सुनवाई को ही चुनौती18 अप्रैल, 2007 | भारत और पड़ोस पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के बाहर प्रदर्शन13 अप्रैल, 2007 | भारत और पड़ोस इफ़्तिख़ार चौधरी का आरोपों से इनकार13 मार्च, 2007 | भारत और पड़ोस पाकिस्तान में नाराज़ वकीलों का प्रदर्शन12 मार्च, 2007 | भारत और पड़ोस | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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