बुधवार, 25 अप्रैल, 2007 को 15:07 GMT तक के समाचार
अफ़ग़ानिस्तान में अफ़ीम की खेती को लेकर बने विवादित विज्ञापन को नैटो ने वापस ले लिया है.
नैटो प्रवक्ता ने बीबीसी को बताया कि विज्ञापन का दोहरा अर्थ निकलता है.
इस विज्ञापन के लिए नैटो के नेतृत्व वाले अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सहायता बल ( इसाफ़) ने पैसे दिए थे और विज्ञापन से ऐसा लग रहा था मानो किसानों के लिए अफ़ीम की खेती करना ठीक है.
इस विज्ञापन की संयुक्त राष्ट्र और अफ़ग़ानिस्तान सरकार दोनों ने निंदा की थी.
ख़तरनाक नशीला पदार्थ हेरोइन अफ़ीम से ही बनता है और माना जा रहा है कि इस साल फिर से अफ़ग़ानिस्तान में अफ़ीम का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है.
संयुक्त राष्ट्र ने पिछले ही महीने कहा है कि हालांकि उत्तरी और मध्य अफ़ग़ानिस्तान में अफ़ीम के उत्पादन में कमी आई है लेकिन दक्षिणी हिस्से में इसका उत्पादन बहुत बढ़ा है.
विवादित विज्ञापन
यह विवादित विज्ञापन हेलमंद प्रांत के एक स्थानीय रेडियो स्टेशन पर आया था और इसके लिए नैटो सेनाओं ने पैसे दिए थे.
इस विज्ञापन से लगता है मानों अफ़ीम की खेती करना अवैध नहीं है बल्कि ठीक है.
इसमें कहा गया था कि अंतरराष्ट्रीय सेनाओं को समझ में आता है कि चूंकि अफ़ग़ान लोगों के पास आय का कोई और साधन नहीं है, इसलिए उन्हें अफ़ीम की खेती को नष्ट करने की बजाय सुरक्षा व्यवस्था क़ायम करना चाहिए और विदेशी चरमपंथियों को मारना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि यूरोप में पहुँचने वाली ज़्यादातर हेरोइन अफ़ग़ानिस्तान से ही जाती है.
तालेबान सरकार के पतन के बाद से वहाँ अफ़ीम की खेती को ख़त्म करना एक प्राथमिकता रही है.
संयुक्त राष्ट्र के नशीली दवा और अपराध विभाग की प्रतिनिधि क्रिस्टीना ओगज़ ने कहा था कि विज्ञापन से किसानों को अलग तरह का संदेश जा रहा है.
उनका था कि यह भ्रमित करने वाला संदेश है और नशीली दवाओं के व्यापार और विद्रोही गतिविधियों के बीच गहरा संबंध है.
अफ़ग़ानिस्तान सरकार ने इस विज्ञापन की जानकारी से इनकार किया था.