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रायबरेली की अदालत में चलेंगे मामले | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्ज़िद विध्वंस मामले में एक महत्वपूर्ण फ़ैसले में लालकृष्ण आडवाणी समेत सात लोगों के ख़िलाफ रायबरेली की अदालत में ही मामला चलाने के निर्देश दिए हैं. इस मामले में आडवाणी के अलावा मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, साध्वी रितम्भरा, विष्णु हरि डालमिया, अशोक सिंघल और गिरिराज़ किशोर पर दंगा उकसाने और वैमनस्य फ़ैलाने जैसे आरोप हैं. इस मामले में उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मायावती सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर के मामले की सुनवाई रायबरेली में करने के निर्देश दिए थे जिसके ख़िलाफ असलम भूरे ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. असलम भूरे का कहना था कि चूंकि बाबरी मस्ज़िद से जुड़े अन्य मामले लखनऊ में चल रहे हैं इसलिए ये मामला भी लखनऊ में चलना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व के फ़ैसले में भी राज्य सरकार की अधिसूचना को सही ठहराया था और कहा था कि मामले की सुनवाई रायबरेली में होनी चाहिए. असलम भूरे और कुछ अन्य लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी लेकिन कोर्ट ने एक बार फिर साफ किया कि ये मामले रायबरेली की अदालत में ही चलने चाहिए. |
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