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रविवार, 11 फ़रवरी, 2007 को 15:45 GMT तक के समाचार
 
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पंजाब में दिग्गजों को मिल रही है टक्कर
 

 
 
अमरिंदर सिंह और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कांग्रेस के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के लिए प्रचार करने पटियाला पहुँचे
पंजाब के विधानसभा चुनावों में इस बार अकाली दल और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की राह आसान नहीं है. पटियाला में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और लंबी में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को उनके चुनाव क्षेत्रों में चुनौती मिल रही है.

पंजाब के विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी और विपक्षी शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन के बीच टक्कर है और नेताओं का भाग्य 13 फ़रवरी के मतदान से तय होना है.

पटियाला शहर - मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (कांग्रेस) और पूर्व मंत्री एसएस कोहली (अकाली दल) के बीच मुकाबला:

पटियाला शहर में कांग्रेस के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की साख दाँव पर है. उनका डट कर विरोध कर रहे हैं शिरोमणि अकाली दल के पूर्व मंत्री एसएस कोहली. अमरिंदर सिंह ने पिछली बार ये सीट लगभग 33 हज़ार मतों से जीती थी. लेकिन उस समय अकाली-भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ माहौल बना हुआ था.

कोहली
मुख्यमंत्री अमरिंदर के मुख्य प्रतिद्वंद्वी कोहली स्कूटर पर चुनाव प्रचार कर रहे हैं

इस बार बात दूसरी ही है. अमरिंदर सरकार के पाँच साल के कार्यकाल का आकलन तो हो रहा है लेकिन अमरिंदर सिंह के लिए कुछ और दिक्कतें पैदा हो गई हैं. पिछले दो महीने से स्कूटर पर घूमकर घर-घर जा रहे एसएस कोहली ने इसे 'आम आदमी और महाराजा' के बीच की लड़ाई की संज्ञा दी है. उनका आरोप है कि मुख्यमंत्री आम आदमी की पहुँच से बाहर हैं और इसीलिए प्रशासन से संबंधित लोगों के काम नहीं हो पाते और वे इसे बदलना चाहते हैं.

उधर अमरिंदर सिंह पूरे राज्य में प्रचार कर रहे हैं और उनके चुनाव क्षेत्र में कमान संभाल रखी है उनकी पत्नी और कांग्रेस सांसद प्रणीत कौर ने. वे नुकड़ बैठकों को संबोधित करते हुए कहती हैं कि शहरी विकास, कृषि क्षेत्र और व्यापारियों के लिए जितना काम पिछले पाँच साल में अमरिंदर सिंह ने किया है, उतना पहले कभी नहीं हुआ.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी पटियाला में एक रैली को संबोधित किया है और अमरिंदर की जम कर प्रशंसा की है. उधर कोहली के समर्थन में भाजपा के पूर्व सांसद और क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू शरह में पहुँचे थे. पटियाला सिद्धू का पैतृक नगर है.

बादल
बादल ज़्यादा चिंतित नहीं नज़र नहीं आते और पूरे राज्य में जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं

पटियाला में बहुजन समाज पार्टी के भाई परमजीत सिंह भी चुनाव मैदान में हैं और वो जितने वोट लेंगे, कांग्रेस को उन सभी वोटों का नुकसान होगा क्योंकि कांग्रेस और बसपा दोनो ही दलित मतदाताओं को लुभाने में जुटे हुए हैं.

लंबी - पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (अकाली दल) और महेश इंदर सिंह बादल (कांग्रेस):

दक्षिण-पूर्वी पंजाब के लंबी चुनाव क्षेत्र में 'बादल और बादल की लड़ाई' है. प्रकाश सिंह बादल वहाँ से कई बार चुनाव जीत चुके हैं. वर्ष 1997 और 2002 में हुए विधानसभा चुनावों में भी वे लंबी से ही विधायक चुने गए थे. पिछली बार उन्होंने अपने चचेरे भाई महेश इंदर सिंह को लगभग 23 हज़ार मतों से हराया था. तब महेश इंदर सिंह स्वतंत्र उम्मीदवार थे. लेकिन इस बार महेश इंदर कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.

मुख्यमंत्री अमरिंदर ने लंबी में बादल गाँव तक में कांग्रेस उम्मीदवार के लिए प्रचार किया है. महत्वपूर्ण है कि महेश इंदर सिंह तेजा सिंह के पुत्र हैं जिन्हें प्रकाश सिंह बादल को राजनीति में लाने का श्रेय जाता है. लेकिन अपने जीवन के आख़िरी वर्षों में प्रकाश सिंह और तेजा सिंह के बीच मतभेद पैदा हो गए थे और उन्होंने राजनीति में कांग्रेस नेता जगमीत बराड़ को आशीर्वाद दिया था.

महेश इंदर
कांग्रेस प्रत्याशी महेश इंदर, प्रकाश सिंह बादल के चचरे भाई हैं

बादल गाँव में अकाली दल के चुनाव प्रचार में कहा जा रहा है - 'इस बार मुख्यमंत्री बादल गाँव से होना चाहिए पटियाला से नहीं.' प्रकाश सिंह बादल बिना कोई चिंता दिखाए पूरे राज्य का दौरा कर रहे हैं और लंबी में उनका चुनाव प्रचार संभाल रखा है पत्नी सुरिंदर कौर और पुत्र सुखबीर बादल ने. अकाली दल विकास और लंबी को वीआईबी चुनाव क्षेत्र बनने से होने से संभावित लाभ की बात कर रहा है.

कांग्रेस लंबी के युवकों में बेरोज़गारी और महँगाई की बात उठा रही है. इस क्षेत्र में कपास की खेती होती है और कांग्रेस के शासनकाल के दौरान अच्छी फ़सल और सुविधाएँ मिलने के कारण कांग्रेस उम्मीद कर रही है कि कपास के किसानों से उसे समर्थन मिलेगा.

 
 
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