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शनिवार, 10 फ़रवरी, 2007 को 16:06 GMT तक के समाचार
 
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भ्रष्टाचार के आरोपों की जाँच होगी: बादल
 

 
 
पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल
बादल का कहना है कि पुत्र सुखबीर सिंह मुख्यमंत्री पद के दावेदार हों, ऐसी बात नहीं है
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष 80-वर्षीय प्रकाश सिंह बादल पूरी चुस्ती से विधानसभा चुनावों में अकाली-भाजपा गठबंधन का नेतृत्व कर रहे हैं. उनका कहना है कि उनके गठबंधन की सरकार बनती है तो ‘बदला लो नीति’ के तहत कार्रवाई नहीं होगी लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों की जाँच ज़रूर होगी.

सत्ता में लौटने की उम्मीद में वे अपने गठबंधन का एजेंडा प्रस्तुत कर रहे हैं. प्रस्तुत हैं बीबीसी हिंदी डॉटकॉम के साथ उनकी विशेष बातचीत के मुख्य अंश:

सवाल: इस चुनाव में कौन से महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिन्हें लेकर आप मैदान में उतरे हैं?

बादल: अकाली-भाजपा कार्यकाल में राज्य का औद्यौगिक विकास दर 8.1 प्रतिशत था देश का छह प्रतिशत लेकिन अब लगभग 3.9 प्रतिशत रह गया है. कृषि विकास दर तो शून्य से भी नीचे है. जम्मू-कश्मीर और हिमाचल के उद्योग को केंद्र की और से विशेष रियायतें दी गई हैं जिसके कारण पंजाब से उद्योग और उद्योगपतियों का पलायन हो रहा है.

विपक्ष के लिए और क़ानून है और कांग्रेस के लिए कुछ और ही. ये मान लीजिए कि पिछले पाँच साल में राज्य में आंशिक तानाशाही ही रही है. रोज़गार प्रदान करने के संबंध में कोई कदम नहीं उठाए गए हैं. हम इन समस्याओं का समाधान करना चाहते हैं. महँगाई ने तो आम आदमी की कमर ही तोड़ दी है. अकाली दल और भाजपा गठबंधन ने फ़ैसला किया है कि यदि सत्ता में आए तो ग़रीब वर्ग के लिए चार रुपए किलो आटा और लगभग बीस रुपए किलो दाल उपलब्ध कराया जाएगी.

रोज़गार के लिए अलग विभाग स्थापित किया जाएगा ताकि रोज़ग़ार पाने के काबिल युवक-युवतियों के बारे में पूरी सामग्री एक जगह पर उपलब्ध हो और उन्हें विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जा सके.

सवाल: स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्रों में निजीकरण के सवाल पर अकाली दल का क्या रवैया है?

 निश्चित तौर पर ‘बदला लो नीति’ से हम कुछ नहीं करेंगे. अमरिंदर सरकार ने जो किया वह ‘बदला लो नीति’ के तहत ही किया. क़ानून के मुताबिक कार्रवाई ज़रूर होगी
 
प्रकाश सिंह बादल

बादल: समृद्ध वर्ग के लिए निजी अस्पताल खुलें उससे हमें कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन हमारे देश और राज्य में आम लोगों की जो हालत है उसे देखते हुए आम आदमी को स्वास्थ्य सुविधाएँ मुफ़्त या फिर बहुत कम ख़र्चे पर प्रदान करना बहुत ज़रूरी है. हम नहीं चाहते की सभी क्षेत्रों में निजीकरण कर दें.

सवाल: आपके चुनाव घोषणा पत्र में कृषि और उद्योग समेत कई क्षेत्रों के लिए घोषणाएँ की गई हैं. इनके लिए पैसा कहाँ से आएगा?

बादल: कृषि क्षेत्र को पूरी दुनिया में सब्सिडी दी जाती है. हम जो कृषि क्षेत्र को मुफ़्त बिजली दे रहे हैं वह तो बहुत छोटी सी सब्सिडी है जो केवल 300 से 400 करोड़ रुपए तक है. तभी ये भी हुआ कि देश के अनाज भंडार भर गए और भारत अनाज निर्यात भी करने लगा. कृषि क्षेत्र में किसानों को उपज का मूल्य उसी तरह मिलना चाहिए जिस तरह से बाज़ार में महँगाई बढ़ती है. इस बारे में एक आयोग गठित कर कृषि संकट का समाधान खोजा जाएगा.

सवाल: राजनीतिक भ्रष्टाचार पिछले चुनावों से ही चर्चा में हैं. आपके ख़िलाफ़ सतर्कता विभाग की कार्रवाई चल रही है. कितना अहम है ये मुद्दा?

बादल: कांग्रेस पार्टी ने पिछले चुनाव में भ्रष्टाचार को ही सबसे बड़ा मुद्दा बनाया था. ये भी वादा किया ता कि पार्दर्शी हुकूमत दी जाएगी. अब वे भ्रष्टाचार की बात ही नहीं करते. निश्चित तौर पर ‘बदला लो नीति’ से हम कुछ नहीं करेंगे. अमरिंदर सरकार ने जो किया वह ‘बदला लो नीति’ के तहत ही किया. क़ानून के मुताबिक कार्रवाई ज़रूर होगी. जब हम सत्ता में आते हैं तो देखेंगे कि किस तरह से इस दिशा में कार्रवाई की जाए.

सवाल: इस बार चुनाव प्रचार में चंडीगढ़ और पंजाबी भाषी इलाक़ों की माँग ज़्यादा ज़ोरशोर से नहीं उठाई गई. आपकी पार्टी ने भी पिछले पाँच साल में इन्हें लेकर कोई जनसंघर्ष नहीं किया. क्या ये मुद्दे अब ख़त्म माने जाएँ?

चंडीगढ़ और अन्य मुद्दे
 ये नहीं कि सभी मुद्दे जन-संघर्ष या प्रदर्शन के बाद ही सुलझाए जाएँ. न्याय के आधार पर केंद्र को कार्रवाई करनी चाहिए
 
प्रकाश सिंह बादल

बादल: जब-जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार आई तब पंजाब के साथ अन्याय हुआ. जल विवाद में पूरा मामला राइपेरियन अधिकारों का और इन अधिकारों के आधार पर ही पूरी दुनिया में जल विवाद तय होते हैं. ये नहीं कि सभी मुद्दे जन-संघर्ष या प्रदर्शन के बाद ही सुलझाए जाएँ. न्याय के आधार पर केंद्र को कार्रवाई करनी चाहिए. इसी तरह चंडीगढ़ का मुद्दा है. जब राज्य भाषा के आधार पर बनाए गए तब राजधानी मूल राज्य के साथ ही रही लेकिन पंजाब के मामले में ऐसा नहीं हुआ.

सवाल: यदि आपके पुत्र और अकाली दल के महासचिव सुखबीर बादल को जनसमर्थन मिलता है तो आप उनकी आगे क्या भूमिका देखते हैं?

बादल: वे पार्टी के महासचिव हैं. उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है. मैं इसलिए नहीं कह रहा कि वे मेरे पुत्र हैं, क्योंकि पार्टी में इस काम की प्रशंसा हुई है. लेकिन ऐसा अभी कुछ नहीं कि वे मुख्यमंत्री बने या ऐसा पद संभालें.

 
 
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