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चार शरणार्थी शिविर अगस्त तक बंद होंगे | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
पाकिस्तान ने घोषणा की है कि वह सीमा प्रांतों में अफ़ग़ान शरणार्थी शिविरों को इस साल अगस्त तक बंद कर देगा. यह फ़ैसला एक आयोग ने लिया है जिसमें अफ़ग़ानिस्तान और संयुक्त राष्ट्र दोनों के प्रतिनिधि शामिल थे. यह निर्णय उस योजना का हिस्सा है जिसके तहत पिछले तीन दशक से पाकिस्तान में शरणार्थी की तरह रह रहे लाखों अफ़गानों का पुनर्वास है. हालांकि पाकिस्तान पिछले कुछ समय से कह रहा है कि ये शरणार्थी शिविर भी सुरक्षा के लिए ख़तरा हैं. लाखों शरणार्थी एक अनुमान है कि चार शरणार्थी कैंपों में कोई तीन लाख अफ़ग़ान रहते हैं. इनमें से दो उत्तर-पश्चिमी प्रांत में है और दो बलूचिस्तान में.
बलूचिस्तान के कचागरी और जंगल पीर अलीज़ाई कैंप 15 जून तक बंद कर दिए जाएँगे जबकि जालोज़ई और गिर्डी जंगल कैंपों को 31 अगस्त तक बंद किया जाएगा. यदि अफ़ग़ान नागरिक लौटना चाहें तो उन्हें इसके लिए सहायता मुहैया करवाई जाएगी, नहीं तो उन्हें किसी और कैंप में स्थानांतरित किया जाएगा. दरअसल ये अफ़ग़ान उन तीन दशकों में भागकर पाकिस्तान की ओर आए थे जब अफ़ग़ानिस्तान युद्ध और गृहयुद्ध झेल रहा था. हाल के महीनों में पाकिस्तान और संयुक्त राष्ट्र ने मिलकर कोई बीस लाख शरणार्थियों का पंजीयन किया है. पाकिस्तान चाहता है कि वर्ष 2009 तक सभी अफ़ग़ानों को वापस भेज दिया जाए. लेकिन बहुत से शरणार्थी वापस नहीं लौटना चाहते क्योंकि न तो उनके पास ज़मीन बची है और न रहने की कोई जगह है. | इससे जुड़ी ख़बरें पाकिस्तान में अफ़ग़ानों का पंजीकरण15 अक्तूबर, 2006 | भारत और पड़ोस पीढ़ी दर पीढ़ी शरणार्थी रहने की मजबूरी23 मार्च, 2006 | भारत और पड़ोस पाकिस्तान बंद कर रहा है शरणार्थी शिविर07 अगस्त, 2005 | भारत और पड़ोस 'अफ़ग़ान पुनर्निर्माण सहायता तेज़ हो'17 फ़रवरी, 2005 | भारत और पड़ोस लाखों अफ़ग़ानियों का पंजीकरण हुआ05 अक्तूबर, 2004 | भारत और पड़ोस पंजीकरण करा रहे हैं अफ़ग़ान शरणार्थी01 अक्तूबर, 2004 | भारत और पड़ोस | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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