बुधवार, 27 सितंबर, 2006 को 03:44 GMT तक के समाचार
अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने उनके देश और इराक़ में अमरीकी सैन्य कार्रवाई के फ़ैसले का बचाव किया है.
अमरीकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश से मुलाक़ात के बाद संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि चरमपंथियों को शिकस्त देने का एकमात्र तरीका उनके ख़िलाफ़ जवाबी कार्रवाई है.
करज़ई ने कहा कि दक्षिणी अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान लड़ाकों के ख़िलाफ़ जारी मुहिम में कुछ झटके ज़रुर लगे हैं लेकिन धीरे धीरे सफलता मिल रही है.
बुश का आश्वासन
बातचीत के दौरान बुश ने करज़ई को आश्वस्त किया कि अमरीका और अन्य देश अफ़ग़ानिस्तान में सुरक्षा का माहौल बेहतर बनाने और आर्थिक पुनर्निमाण में हर संभव मदद करेंगे.
उन्होंने कहा, "मुझे पता है कि आपके देश में कुछ लोग ये सोचते हैं कि अमरीका वो मुश्किल काम करेगा या नहीं जिससे आपको सफल होने में मदद मिलेगी. मैं कहता हूँ कि हमारे पास वो इच्छाशक्ति है."
बुधवार को बुश ने करज़ई के साथ साथ पाकिस्तानी राष्ट्रपति जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ को इफ़्तार पार्टी पर आमंत्रित किया है.
करज़ई की इस टिप्पणी के महज एक दिन पहले मंगलवार को दक्षिणी अफ़ग़ानिस्तान के हेलमंद प्रांत में हुए आत्मघाती बम विस्फ़ोट में कम से कम 18 लोग मारे गए.
एक अन्य घटना में राजधानी काबुल के निकट उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन यानी नैटो के काफ़िले पर बम हमला हुआ जिसमें एक सैनिक की मौत हो गई.
मुलाक़ात
इससे पूर्व करज़ई ने मंगलवार को अमरीकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश से मुलाकात की.
इस दौरान दोनों के बीच तालेबान, अफ़ग़ानिस्तान की आंतरिक सुरक्षा और अफ़ग़ानिस्तान-पाकिस्तान संबंध जैसे विषयों पर चर्चा हुई.
इस मुलाकात से ठीक पहले हामिद करज़ई ने पाकिस्तान पर तालेबान चरमपंथियों को शह देने का आरोप लगाया.