गुरुवार, 14 सितंबर, 2006 को 09:32 GMT तक के समाचार
विशेष टाडा अदालत ने मुंबई में 1993 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले पर फ़ैसले की दूसरे चरण में शोएब घनसार को दोषी करार दिया है.
घनसार को भीड़ भाड़ वाले ज़वेरी बाज़ार में विस्फोट करने का दोषी पाया गया. यह विस्फोट एक स्कूटर में रखे गए बम के ज़रिए किया गया था और इसमें 17 लोग मारे गए थे.
घनसार को क्या सज़ा दी जाए, इस पर अदालत मंगलवार को फ़ैसला सुना सकती है.
सरकारी वकील उज्जवल निकम ने अदालत से घनसार को फाँसी की सज़ा देने का अनुरोध किया है.
ग़ौरतलब है कि मुंबई में 12 मार्च, 1993 को सिलसिलेवार रूप से हुए 12 बम धमाकों में 257 लोगों की मौत हो गई थी और 700 से अधिक लोग घायल हो गए थे.
सज़ा
इससे पहले मंगलवार को अदालत ने मेमन परिवार के चार सदस्यों को दोषी ठहराया था. उनकी सज़ा पर भी अदालत ने अभी फ़ैसला नहीं सुनाया है.
यह मामला भारतीय क़ानूनी इतिहास के अत्यंत पेचीदा और लंबे मामलों में से एक माना जाता है.
इस मामले में एक दशक से अधिक समय तक सुनवाई चली और 686 गवाह पेश हुए और क़रीब दस हज़ार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई.
इस मामले में अदालत के फ़ैसले का इंतज़ार न केवल अभियुक्तों को है बल्कि मामले की जांच करने वाली विशेष टास्क फोर्स, सीबीआई और मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच को भी है.