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असम शांति प्रक्रिया को झटका | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
भारत सरकार की असम में संघर्षविराम आगे न बढ़ाने की धमकी के बाद अलगाववादी संगठन अल्फ़ा ने डिगबोई के पास एक चाय बागान के मैनेजर की हत्या कर दी है. डिगबोई में हालांगी हैली चाय बागान के मैनेजर हरेन दास को उनके निवास के ठीक बाहर गोली मारी गई जिससे उनकी मौत हो गई. केंद्र सरकार की धमकी और उसके बाद यूनाइटेड लिबरेशन फ़्रंट ऑफ़ असम यानी अल्फ़ा की कार्रवाई को पर्यवेक्षक असम में शांति प्रक्रिया के लिए भारी धक्का मान रहे हैं. विश्लेषकों का कहना है कि अल्फ़ा ने मैनेजर की हत्या से एक तीख़ा संदेश दिया है कि यदि बातचीत उसकी शर्तों पर नहीं होती तो वह बातचीत जारी नहीं रखेगा. अल्फ़ा की माँग सुरक्षाबलों ने अल्फ़ा के ख़िलाफ़ गत 13 अगस्त से कार्रवाई रोकी हुई है और इस समयसीमा को चार बार आगे बढ़ाया जा चुका था. बुधवार को संघर्षविराम की अवधि ख़त्म हो गई थी. भारत सरकार ने अल्फ़ा से स्पष्ट कहा था कि यदि वह केंद्र सरकार से सीधी बातचीत के प्रति लिखित में प्रतिबद्धता नहीं जताता तो वह सुरक्षा बलों से अलगाववाद निरोधक गतिविधियाँ दोबारा शुरु करने को कहेगा. उल्लेखनीय है कि अल्फ़ा माँग कर रहा है कि केंद्र सरकार उसके पाँच शीर्ष नेताओं को रिहा करे जबकि केंद्र सरकार का कहना है कि पहले अलफ़ा लिखित में यह आश्वासन दे कि वह केंद्र सरकार के साथ मध्यस्थों की उपस्थिति में सीधी बातचीत के लिए प्रतिबद्ध है. केंद्र सरकार और अल्फ़ा के प्रतिनिधियों के बीच पहली बातचीत पिछले साल अक्तूबर में शुरू हुई थी. अल्फ़ा ने माँग की थी कि केंद्र सरकार सीधी बातचीत से पहले भारतीय सेना की कार्रवाई पर रोक लगाए. कुछ दिन का इंतज़ार केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन ने अलफ़ा और सरकार के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा रहीं लेखिका इंदिरा गोस्वामी को शुक्रवार को संघर्षविराम आगे बढ़ाने से संबंधित सरकार की शर्त की जानकारी दी थी. इंदिरा गोस्वामी असम के नागरिक समाज की ओर से गठित 'पीपुल्स कंसलटेटिव ग्रुप' का नेतृत्व कर रही हैं. इंदिरा गोस्वामी ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, "मैं केवल उम्मीद कर सकती हूँ कि दोनो पक्ष समझदारी से काम लेते हुए जल्द से जल्द शांति प्रक्रिया दोबारा शुरु करेंगे." इस पूरे प्रकरण में आशा की किरण केवल इतनी है कि भारत सरकार ने दोबारा सैन्य कार्रवाई शुरु करने से पहले कुछ देर इंतज़ार करने का फ़ैसला किया है. इंदिरा गोस्वामी ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन ने आश्वासन दिया कि सरकार प्रतिबंधित संगठन अल्फ़ा के ख़िलाफ़ सैन्य कार्रवाई शुरु करने से पहले कुछ और दिन इंतज़ार करेगी. | इससे जुड़ी ख़बरें 'उल्फ़ा की प्रतिक्रिया सकारात्मक होगी'18 अगस्त, 2006 | भारत और पड़ोस दस दिनों के लिए सैनिक कार्रवाई रुकी13 अगस्त, 2006 | भारत और पड़ोस उल्फ़ा विद्रोहियों ने केंद्र को पत्र लिखा03 अक्तूबर, 2005 | भारत और पड़ोस उल्फ़ा ने बातचीत की पेशकश की07 सितंबर, 2005 | भारत और पड़ोस उल्फ़ा ने शांति प्रस्ताव पर जवाब भेजा01 जुलाई, 2005 | भारत और पड़ोस अल्फ़ा को बिना शर्त बातचीत का न्यौता28 मई, 2005 | भारत और पड़ोस | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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