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अफ़ग़ानिस्तान को लेकर अमरीकी चेतावनी | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अमरीका ने चेतावनी दी है कि यदि नैटो के सदस्य देश सैन्य सहायता नहीं बढ़ाते हैं तो अफ़ग़ानिस्तान एक नाकाम राष्ट्र में तब्दील हो जाएगा. अमरीकी विदेशमंत्री कोंडोलीज़ा राइस ने कनाडा में कहा है कि यदि नैटो देशों ने तालेबान लड़ाकों के ख़िलाफ़ लड़ाई को इस समय छोड़ दिया तो अफ़ग़ानिस्तान फिर दुनिया के लिए एक मुसीबत बन जाएगा. अफ़ग़ानिस्तान में पाँच साल पहले तालेबान सरकार के पतन के बाद से अब तक का सबसे भीषण संघर्ष चल रहा है. तालेबान के ख़िलाफ़ लड़ाई को अंतिम सिरे तक पहुँचाने की ज़िम्मेदारी नैटो ने ली थी और पिछले दिनों से अफ़ग़ानिस्तान में सैनिकों की संख्या बढ़ाने की बात चल रही है. लेकिन नैटो देशों ने अब तक 2500 अतिरिक्त सैनिक भेजने के बारे में कोई आश्वासन नहीं दिया है. कोंडोलीज़ा राइस को इसीलिए यह कड़ी चेतावनी जारी करनी पड़ी है. उनका कहना है कि यदि इस समय सहायता नहीं बढ़ाई गई तो अफ़ग़ानिस्तान नाकाम राष्ट्र में बदल जाएगा और फिर अल-क़ायदा जैसे संगठनों को बढ़ावा देने लगेगा. उन्होंने कहा, "अफ़ग़ानिस्तान में अभी लोकतंत्र की स्थापना की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है और अभी यह आतंकवादियों से लड़ने के लायक नहीं हुआ है. हमें विकल्पों पर विचार करना चाहिए नहीं तो यह हमें फिर परेशान करेगा." उन्होंने स्वीकार किया कि तालेबान के बढ़ते हमलों से परेशानी है. उन्होंने कहा कि जनता का विरोध भी बढ़ रहा है लेकिन इसके बावजूद नैटो के कार्यक्रम को सहयोग देना चाहिए. | इससे जुड़ी ख़बरें अफ़ग़ानिस्तान में '94 तालेबान मारे गए'10 सितंबर, 2006 | भारत और पड़ोस 'अफ़ग़ानिस्तान में और सैनिकों की ज़रूरत'07 सितंबर, 2006 | भारत और पड़ोस 'अफ़ग़ानिस्तान में नैटो के सैनिक बढ़ें'09 सितंबर, 2006 | भारत और पड़ोस 'अफ़ग़ानिस्तान का युद्ध इराक़ से भीषण'08 सितंबर, 2006 | भारत और पड़ोस 'कंधार में 200 तालेबान लड़ाके मारे गए'03 सितंबर, 2006 | भारत और पड़ोस अफ़ग़ानिस्तान में बढ़ती हिंसा की वजह20 अगस्त, 2006 | भारत और पड़ोस नाकाम राष्ट्रों की सूची में पाकिस्तान ऊपर02 मई, 2006 | भारत और पड़ोस | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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