शनिवार, 19 अगस्त, 2006 को 09:55 GMT तक के समाचार
अली अशरफ़
पेशावर से
अमरीकी सेना के ख़िलाफ़ सक्रिय अल क़ायदा और तालेबान लड़ाकों ने पेशावर में जनता की सहानुभूति हासिल करने के लिए वीडियो सीडी पर अपनी 'प्रोपेगेंडा' मुहिम छेड़ रखी है.
इन वीडियो सीडी के ज़रिए मुसलमानों को इराक़ और अफ़ग़ानिस्तान में तैनात अमरीका और उसके सहयोगियों की सेनाओं के विरुद्ध भड़काने की कोशिश की जा रही है. इनमें उन्हें इन फ़ौजों के ख़िलाफ़ उठ खड़े होने का आहवान भी किया जाता है.
ये सीडी बाज़ारों में खुले तौर पर बेची जा रही हैं. ज़िला प्रशासन और क्षेत्रीय पुलिस ने कई बार इनके विक्रेताओं के विरुद्ध कार्रवाई की है लेकिन पेशावर के नशतराबाद और कारख़ानों-बाज़ारों में आज भी ये सीडी आसानी से उपलब्ध हैं.
'अधिकतर युवक हैं'
पेशावर के कारख़ानों-बाज़ार में एक दुकानदार बख़्त वली कहते हैं, "रोज़ाना लगभग 80 से लेकर 100 सीडी तक बिक जाती हैं और ख़रीदने वालों में अधिकतर नवयुवक हैं."
इन सीडी में क़ुरआन की आयतों का भी ज़िक्र है और जेहाद का संदेश दिया जाता है.
मस्जिदों और दूसरे पवित्र स्थलों का कथित निरादर, अमरीका और उसकी सहयोगी फ़ौजों की गोलीबारी में मरने वाली स्त्रियों और बच्चों की लाशों को भी दिखाया जाता है.
हक़ीक़तुल-मौत (मौत की सच्चाई) नामक एक सीडी में एक बूढ़े सफ़ेद दाढ़ी वाले अत्मघाती हमलावर को लोगों को कुछ इस प्रकार संबोधित करते हुए दिखाया गया है, "... शहीद होकर ख़ुद जन्नत में जाओ और दुश्मन को जहन्नुम पहुँचाओ. अगर आप आत्मघाती आक्रमण नहीं कर सकते तो कम से कम सरकार का अंग तो मत बनो, उसे सहयोग तो न दो."
इसी पैग़ाम के साथ एक ज़ोरदार धमाके की आवाज़ सुनाई देती है और मनुष्य के शरीर के चीथड़े उड़ते दिखाई देते हैं.
फिर स्क्रीन पर लिखे हुए शब्द आते हैं - "...इस हमले में एक 'शहीद' हुआ और तेरह अमरीकी फ़ौजी मारे गए."
कुछ सीडी तालेबान लड़ाकों को प्रशिक्षण लेते और देते हुए भी दिखाते हैं जबकि कुछ और सीडीस में कुछ नौजवानों को आत्मघाती हमलों के लिए अपना पंजीकरण करते हुए दिखाया गया है.
हॉलीवुड की झलकियाँ
कुछ ऐसी भी सीडी हैं जिनमें अमरीकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश और अमरीकी विदेश मंत्री कोंडोलीज़ा राइस को परेशान हालत में दिखाकर लड़ाकू दस्तों को ऐसा बताने की कोशिश की जाती है जैसे कि अमरीका अपने किए पर पछता रहा है.
बिकने वाली सीडी में बताया जाता है कि इन्हें उम्मत स्टूडियो, कंधार जेहादी स्टूडियो, जिंडोला सीडी सेंटर और इस्लामिक मीडिया फ़्रंट स्टूडियो में तैयार किया गया है. इसके अलावा इन्हें बनाने वालों और स्थानों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलती.
महत्वपूर्ण है कि इन सीडी पर विभिन्न दृश्यों के बीच कभी-कभी हॉलीवुड की कुछ झलकियों का सहारा भी लिया जाता है.
हर सीडी पचास रुपए की है और बाज़ार में ये जंगी सीडी के नाम से मशहूर हैं. ये अक्सर पश्तो, अरबी और उर्दू भाषा में होती हैं.
कारख़ानो-बाज़ार के एक दुकानदार ख़ालिद जान कहते हैं, "पहले लोग ज़्यादातर हिंदुस्तानी फ़िल्में ले जाते थे, लेकिन जब से जंगी सीडी आई हैं तब से लोग अक्सर यही ले जाते हैं."
ख़ालिद जान की दुकान पर आए हुए एक ग्राहक 24 वर्षीय अख़्तर ज़माँ से जब इन सीडी में उनकी दिलचस्पी का कारण पूछा गया तो उनका जवाब था, "देखें, इन सीडी में आप को वास्तविक तौर पर वह मिलेगा जो आपको बॉलीवुड, हॉलीवुड और लॉलीवुड में नहीं मिलेगा."
अमरीकी रक्षा मंत्री डोनॉल्ड रम्सफ़ेल्ड ने भी अपने एक वक्तव्य में यह बात मानी थी कि अमरीका अल क़ायदा के विरुद्ध 'प्रोपेगेंडा' युद्ध हार रहा है.