शुक्रवार, 11 अगस्त, 2006 को 12:10 GMT तक के समाचार
श्रीलंका में तमिल विद्रोहियों ने सरकार पर आरोप लगाया है कि सेना ने बट्टिकलोवा में एक और मोर्चा खोल दिया है.
एक बयान में एलटीटीई ने कहा है कि देश के पूर्वी ज़िले बट्टिकलोवा में उनके एक कैंप पर हवाई हमले किए गए हैं. एलटीटीई का कहना है कि भारी बमबारी में कई लोग हताहत हुए हैं.
श्रीलंका के पूर्वोत्तर इलाक़े में सेना और तमिल विद्रोहियों के बीच एक बार फिर लड़ाई शुरू हो गई है. सेना एक विवादित नहर को एलटीटीई से क़ब्ज़े में लेना चाहती है.
गुरुवार को हुई भीषण लड़ाई के बाद सेना ने कहा है कि वे शुक्रवार को एक बार फिर हमला शुरू कर रहे हैं ताकि माविलारू नहर के आसपास के इलाक़ों पर उनका नियंत्रण हो सके.
तमिल विद्रोही ये दावा करते हैं कि ये इलाक़ा उनका है. लेकिन मंगलवार को उन्होंने नहर का पानी अन्य इलाक़ों के लिए छोड़ दिया था.
इसके कारण सरकार के नियंत्रण वाले इलाक़ों के 15 हज़ार परिवारों के लिए पानी की आपूर्ति बहाल हो गई थी.
भीषण लड़ाई
वर्ष 2002 में नॉर्वे की मध्यस्थता में संघर्ष विराम समझौते के बाद दोनों पक्षों के बीच यह सबसे भीषण लड़ाई है.
इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने श्रीलंका के 17 राहतकर्मियों की मौत की जाँच की मांग की है. पिछले सप्ताह मुट्टूर में इस राहतकर्मियों की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी.
राहत संस्था एक्शन अगेन्स्ट हंगर ग्रुप (एएएच) के प्रमुख बेनॉट मिरीबेल ने वादा किया है कि वे मौक़े पर जाकर ये जानने की कोशिश करेंगे कि असल में क्या हुआ था. सरकार और एलटीटीई ने एक-दूसरे को इस घटना के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है.
दूसरी ओर सेना के प्रवक्ता मेजर उपाली राजपक्षे ने कहा कि उनकी कार्रवाई जारी रहेगी. उन्होंने कहा, "हमरा अभियान उस समय तक जारी रहेगा जब तक हम पूरे इलाक़े पर नियंत्रण नहीं कर लेते."
एलटीटीई ने कहा कि ताज़ा संघर्ष में उसके 10 लोग मारे गए हैं जबकि सेना का कहना है कि उसके पाँच सैनिक मारे गए हैं.