http://www.bbcchindi.com

सोमवार, 24 जुलाई, 2006 को 10:32 GMT तक के समाचार

'पाकिस्तान परमाणु रिएक्टर बना रहा है'

अमरीका में एक परमाणु निगरानी संस्थान ने कुछ सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं और कहा है कि ये तस्वीरें पाकिस्तान में बनाए जा रहे एक परमाणु रिएक्टर की हैं.

संस्था के मुताबिक इस रिएक्टर का इस्तेमाल हथियार बनाने के लिए हो सकता है.

अमरीका में इंस्टीट्यूट फ़ॉर साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्यूरिटी नाम की इस संस्था का कहना है कि तस्वीरों से ऐसा लगता है कि इस रिएक्टर में इतना प्लूटोनियम बन सकता है जिससे सालाना 40 से 50 परमाणु हथियार बनाए जा सकते हैं.

संस्था की रिपोर्ट के मुताबिक अगर इस बात की पुष्टि हुई तो इसका मतलब है कि पाकिस्तान अपने परमाणु कार्यक्रम का विस्तार कर रहा है और इससे दक्षिण एशिया में हथियारों को लेकर होड़ बढ़ सकती है.

ये नया रिएक्टर पाकिस्तान के ख़ुशाब में पहले से ही बने परमाणु रिएक्टर के पास बताया गया है.

वाशिंग्टन पोस्ट अख़बार के मुताबिक पाकिस्तान हर वर्ष करीब 10 किलोग्राम प्लूटोनियम बनाने की क्षमता रखता है.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार ख़ुशाब में नए रिएक्टर का निर्माण शायद मार्च 2000 के आसपास शुरू हुआ था.

एजेंसी के मुताबिक अमरीकी संस्था ने रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान इस नए रिएक्टर का निर्माण कार्य तेज़ी से पूरा नहीं कर रहा.

इसके पीछे कुछ ज़रूरी कल पुर्जों और आधारभूत ढाँचे की कमी को वजह बताया जा रहा है.

रॉयटर्स के अनुसार संस्था से जुड़े डेविड एलब्राइट और पॉल ब्रेन्न ने लिखा है कि इस बात की संभावना है कि भारत को ख़ुशाब में हो रहे इस निर्माण के बारे में जानकारी हो.

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता तसनीम असलम ने माना है कि पाकिस्तान ख़ुशाब में परमाणु गतिविधियाँ कर रहा है लेकिन उन्होंने कहा कि वे इस बारे में विस्तार से नहीं बता सकतीं.

बीबीसी संवाददाता के मुताबिक प्रवक्ता ने कहा कि ख़ुशाब परमाणु रिएक्टर अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी आईएईए के दायरे से बाहर है.

इस बारे में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने एक पत्रकार वार्ता में कहा कि भारत समेत सबको इस बात की जानकारी है कि ख़ुशाब में परमाणु केंद्र है.

उन्होंने कहा कि परमाणु गतिविधियों के बारे में हर वर्ष भारत और पाकिस्तान के बीच जानकारी का अदला बदली होती है और उसमें इन सब बातों का ज़िक्र किया जाता है.

लेकिन तसनीम असलम ने ये बताने से इनकार कर दिया कि क्या पाकिस्तान ख़ुशाब में 1000 मेगावाट का परमाणु रिएक्टर लगा रहा या नहीं.

जब उनसे पूछा गया कि क्या पाकिस्तान ख़ुशाब में परमाणु ऊर्जा बनाना चाहता है या बम, तो उन्होंने इसके बारे में विस्तार से कुछ नहीं कहा.

अमरीकी अख़बार वाशिंग्टन पोस्ट में छपे लेख के बारे में उन्होंने कहा कि उसमें ऐसी कोई बड़ी जानकारी नहीं है जो लोगों को पहले से मालूम न हो.