रविवार, 02 जुलाई, 2006 को 03:37 GMT तक के समाचार
अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने चेतावनी दी है कि यदि सीमापार के 'आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों' को ख़त्म नहीं किया तो असुरक्षा पूरे क्षेत्र में फैल जाएगी.
उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान की सीमा के पार 'आतंक के लिए' दिया जा रहा प्रशिक्षण और आर्थिक सुविधा बंद की जानी चाहिए.
बीबीसी से हुई बातचीत में उन्होंने इसका कोई ब्यौरा नहीं दिया कि ये कैंप कहाँ हैं और उनको आर्थिक सहायता कौन उपलब्ध करवा रहा है.
हालांकि ये पहली बार नहीं है कि हामिद करज़ई ने ये सवाल उठाया हो. हाल ही में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सेनाओं को चरमपंथियों से निपटने के तरीक़े पर पुनर्विचार करने का मसला उठाकर भी कई संदेश दिए थे.
इससे पहले अफ़ग़ानिस्तान के कई नेता अफ़ग़ानिस्तान की चरमपंथी घटनाओं और तालेबानी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहरा चुके हैं.
दोनों देशों के बीच बढ़ती दूरी को पाटने की कोशिशों के तहत ही अमरीकी विदेश मंत्री कोंडोलीज़ा राइस ने पिछले हफ़्ते दोनों देशों का दौरा किया था.
हामिद करज़ई ने कहा कि सत्ता से हटा दिए गए तालेबान से निपटने के लिए उनकी सरकार पाकिस्तान से भी चर्चा कर रही है.
उन्होंने कहा कि वे हथियारबंद तालेबानों के संपर्क में भी हैं.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर जो लोग मारे जा रहे हैं उनको भी सज़ा देनी चाहिए.
विश्लेषकों का कहना है कि हाल ही में अमरीकी नेतृत्व वाली सेना ने तालेबान के ख़िलाफ़ जो कार्रवाई पिछले दिनों की है उससे तालेबान को बड़ा नुक़सान हुआ है.
ये कार्रवाइयाँ दक्षिण और पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान में हुई हैं जहाँ तालेबानों का प्रभाव अभी भी है.
चार साल पहले तालेबान सरकार के पतन के बाद से अफ़ग़ानिस्तान में हिंसा का ये सबसे बड़ा दौर चल रहा है.