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'गैस पाइपलाइन पर तीनों देश सहमत' | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
भारत, पाकिस्तान और ईरान ने इस बात की पुष्टि की है तीनों देश गैस पाइपलाइन परियोजना पर काम करेंगे. इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तीनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में हैं. इस दौरान परियोजना के वित्तीय, वैधानिक और तकनीकी पक्षों पर बात की जाएगी. योजना के मुताबिक सात अरब डॉलर की लागत वाली ये गैस पाइपलाइन ईरान से पाकिस्तान होते हुए भारत तक गैस पुहँचाएगी. उम्मीद की जा रही है कि जून में तीनों देश इस बारे में समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे. इस परियोजना पर अमरीका के विरोध के चलते पिछले कुछ महीनों में खास प्रगति नहीं हो पाई है. ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमरीका को आपत्ति है. अमरीका का आरोप है कि ईरान परमाणु हथियार बनाना चाहता है. लेकिन ईरान इस आरोप से इनकार करता आया है. अमरीका ने भारत और पाकिस्तान से कहा था कि वे एक अन्य पाइपलाइन पर काम करें जो तुर्कमेनिस्तान और अफ़गानिस्तान से होते हुए आए. भारत के लिए ईरान-पाकिस्तान-भारत गैस पाइपलाइन काफ़ी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस परियोजना के पूरा होने पर भारत ऊर्जा की कमी को पूरा कर पाएगा. पाइपलाइन के सिलसिले में भारत के पूर्व तेल मंत्री मणि शंकर अय्यर पाकिस्तान का दौरा कर चुके हैं. | इससे जुड़ी ख़बरें 'पाइपलाइन पर जल्दबाज़ी नहीं:अज़ीज़'21 जनवरी, 2006 | भारत और पड़ोस आपसी समझ के बाद अमरीका से बात14 जून, 2005 | भारत और पड़ोस गैस पाइपलाइन पर उत्साहजनक संकेत06 जून, 2005 | भारत और पड़ोस पाइपलाइन पर भारत-पाक वार्ता शुरू05 जून, 2005 | भारत और पड़ोस भारत और बर्मा के बीच अहम समझौता11 जनवरी, 2005 | भारत और पड़ोस | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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