मंगलवार, 25 अप्रैल, 2006 को 04:01 GMT तक के समाचार
पाकिस्तान के निर्वासित प्रधानमंत्रियों नवाज़ शरीफ़ और बेनज़ीर भुट्टो ने घोषणा की है कि वे पाकिस्तान लौटेंगे और राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ के ख़िलाफ़ चुनाव मैदान में उतरेंगे.
नवाज़ शरीफ़ और बेनज़ीर भुट्टो किसी वक्त एक दूसरे के कट्टर विरोधी थे. लेकिन दोनों नेताओं ने मिलकर मौजूदा राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ के शासन के ख़िलाफ़ अभियान चलाने का फ़ैसला किया है.
लंदन में सोमवार को दोनों नेताओं की मुलाक़ात हुई और उन्होंने इसकी घोषणा की.
दोनों नेताओं ने पाकिस्तान में लोकतंत्र की बहाली की माँग की ताकि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हो सकें. उन्होंने राजनीतिक बंदियों को भी रिहा करने को कहा.
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की नेता बेनज़ीर भुट्टो ने कहा कि वो नवाज़ शरीफ़ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग से गठबंधन करने पर भी विचार कर रही हैं.
ग़ौरतलब है कि बेनज़ीर भुट्टो और नवाज़ शरीफ़ को छह साल पहले निर्वासित कर दिया गया था.
समझौता
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ और बेनज़ीर भुट्टो ने देश में लोकतंत्र बहाली के लिए पिछले साल एक समझौता किया था.
पाकिस्तान के वर्तमान राष्ट्रपति जनरल मुशर्रफ़ ने 1999 में नवाज़ शरीफ़ सरकार का तख़्ता पलट दिया था और सत्ता अपने हाथ में ले ली थी.
फिर नवाज़ शरीफ़ पर चले मुक़दमे में उन्हें देशद्रोह और करों की चोरी के आरोपों में उम्र क़ैद की सज़ा सुना दी गई थी.
लेकिन अगले साल उनकी सज़ा माफ़ कर दी गई और नवाज़ शरीफ़ को सऊदी अरब निर्वासित कर दिया गया.
नवाज़ शरीफ़ वर्ष 2000 से ही सऊदी अरब मे निर्वासन का जीवन बिता रहे हैं. समझौते के तहत वो 2010 तक पाकिस्तान वापस नहीं लौट सकते हैं.
दूसरी ओर बेनज़ीर भुट्टो ने 1996 में सेना द्वारा सत्ता से हटाए जाने के बाद से ही ख़ुद देश से राजनीतिक निर्वासन ले रखा है और वो दुबई और लंदन में रहती हैं.