बुधवार, 12 अप्रैल, 2006 को 06:17 GMT तक के समाचार
पाकिस्तान सरकार ने मंगलवार को कराची शहर में ईद-ए-मिलाद उल नबी के मौक़े पर आयोजित समारोह में बम धमाके की न्यायिक जाँच के आदेश दे दिए हैं.
इस धमाके की वजह से कम से कम 57 लोग मारे गए थे.
अधिकारियों का कहना है कि इस बात की जाँच की जाएगी कि कराची में हुए विस्फोट के पीछे क्या सुरक्षा की कमी थी.
पैगंबर मोहम्मद के जन्म दिवस पर आयोजित एक समारोह में शामिल हज़ारों लोगों की भीड़ में बम फटा था.
यह धमाका कराची के निश्तर पार्क में हुआ है जहाँ ईद के मौक़े पर निकलने वाले जुलूस ख़त्म होते हैं.मंगलवार की शाम की नमाज़ के वक़्त यह धमाका हुआ.
इसमें कई प्रमुख सुन्नी धार्मिक नेता मारे गए. मरने वालों में धार्मिक नेता मोहम्मद तक़ी और सुन्नी तहरीक़ के लीडर इफ़्तेख़ार भट्टी शामिल हैं.
तोड़-फोड़
इसके बाद भीड़ ने शहर में तोड़-फोड़ की और पुलिस पर पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध न कराने का आरोप लगाया. स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए सेना की मदद लेनी पड़ी.
अधिकारियों ने अभी तक किसी पर संदेह नहीं व्यक्त किया है.
हालांकि सिंध सरकार के प्रवक्ता सलाउद्दीन हैदर ने कहा,'' हमारी प्रारंभिक जाँच इस बात की ओर इशारा करती है कि इस हमले में दो आत्मघाती हमलावर शामिल थे."
उनका कहना था,'' यह सुनियोजित हमला था और लगता है कि हमलावर प्रशिक्षित थे.''
इस हमले के बाद शिया सुन्नियों के बीच आपसी संघर्ष की आशंका व्यक्त की जा रही है. इसे देखते हुए सेना को सतर्क कर दिया गया है.
इस्लामाबाद में बीबीसी संवाददाता ज़फर अब्बास का कहना है कि कराची में शिया-सुन्नी हिंसा का इतिहास रहा है लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है कि पैगंबर के जन्मदिन वाले समारोह में ऐसी कोई घटना घटी हो.
एक साल पहले नसीराबाद शहर में एक शिया धार्मिक स्थल पर हुए हमले में 43 लोग मारे गए थे.