BBCHindi.com
अँग्रेज़ी- दक्षिण एशिया
उर्दू
बंगाली
नेपाली
तमिल
 
रविवार, 02 अप्रैल, 2006 को 08:31 GMT तक के समाचार
 
मित्र को भेजें कहानी छापें
चुनौतियों भरा भविष्य है भारत का
 

 
 
कार्यशाला
कार्यशाला में छात्रों को प्रमाणपत्र देती हुईं बीबीसी हिंदी ऑनलाइन की संपादक, सलमा ज़ैदी
कहां तो तय था चरागां हर एक घर के लिए,
कहां चिराग मयस्सर नहीं शहर के लिए.

जब कभी भारत की बात होती है तो बरबस ही दुष्यंत कुमार का यह शेर ज़ेहन में आता है.

14 अगस्त की मध्यरात्रि को जब पंडित नेहरू 'नियति के साथ संधि' कर रहे थे तब लगा कि सच में पूरब में उजाला हो गया है और उसकी रोशनी से सारी दुनिया प्रकाशित होगी लेकिन आज हम उस सच से बहुत दूर हैं.

आज रूककर सोचना पड़ रहा है कि वह संधि किनके बीच थी और किनके लिए थी.

भारत और इंडिया के बीच एक गहरी खाई बनती गई है. आज 'इंडिया दैट इज़ भारत' का जुमला बेमानी-सा लगता है.

आज फिर सोचना होगा कि हम भविष्य में कैसा भारत बनाना चाहते हैं? इंडिया और भारत के फ़र्क को मिटाने के लिए हम क्या कुछ कर सकते हैं? 2020 में हमारा भारत कैसा होगा यह सोचने के साथ-साथ यह भी सोचना होगा कि ये भारत किनका होगा और किनका होना चाहिए?

भारत में आज 26 प्रतिशत लोग ग़रीबी रेखा से नीचे हैं. क़रीब 62 प्रतिशत लोगों को पीने का साफ़ पानी नहीं मिलता है.

शहरी और ग्रामीण क्षेत्र को मिला लें तो 15 करोड़ लोगों को रहने को घर नहीं है. अभी भी देश के एक तिहाई लोग अपना नाम तक लिखना नहीं जानते.

असमान विकास

जहां एक ओर यह नज़ारा है वहीं दूसरी तरफ़ नज़ारा कुछ और ही है.

पिछले 15 वर्षों में अरबपतियों की संख्या सैकड़ों में पहुंची है. मॉल और मल्टीप्लेक्सों की संख्या दस गुना बढ़ी है. कॉस्मेटिक उत्पादों की खपत कई गुना हो चुकी है.

यह कैसा देश है जहाँ सॉफ्टवेयर प्रोफेशनलों और निरक्षरों की संख्या साथ-साथ बढ़ रही है? यह कैसा देश है कि जहां इंजीनियरों और बेघरों की संख्या साथ-साथ बढ़ रही है? यहां हर बजट के बाद कंप्यूटर, टीवी, फ़्रिज, एयर कंडीशनर के दाम गिर रहे हैं और गेहूं, चावल, नमक, चीनी के दाम बढ़ रहे हैं.

यह कैसा देश है कि जहां एक तरफ़ पंजाब में किसान ज़्यादा पैदावार के कारण किल्लत में हैं वहीं विदर्भ और तेलगांना में किसान पैदावार न होने के कारण आत्महत्या कर रहे हैं?

यह कैसा राष्ट्र है कि जहां यदि बिहार का आदमी महाराष्ट्र में परीक्षा देने जाता है तो उसे जूतों से मारकर वापस भगा दिया जाता है? ये कैसा देश है जहां दो प्यार करने वालों को मुजफ़्फ़रनगर में पेड़ पर फांसी दे दी जाती है?

ऐसी जद्दोजहद के बीच हमें सोचना होगा कि हमें 2020 में कैसा भारत चाहिए.

कैसे बदलें

अगर ऐसा ही भारत चाहिए तो ज़्यादा कुछ करने की ज़रूरत नहीं है. जो जैसा चल रहा है चलने दिया जाए लेकिन यदि एक बेहतर भारत चाहते हैं, एक खुशहाल भारत चाहते हैं तो कुछ नहीं, बहुत कुछ करने की ज़रूरत है.

सरकारी, ग़ैर-सरकारी और निजी स्तर पर बहुत से शिक्षा और रोज़गारपरक कार्यक्रम शुरू करने की ज़रूरत है.

भारत के राष्ट्रपति डॉ. कलाम का सपना है कि 2020 में एक हम एक विकसित भारत बनें. इसके लिए उन्होंने जो क़दम उठाने के लिए कहा है उसमें से कुछ मुख्य हैं- 100 प्रतिशत साक्षरता, 10 प्रतिशत के हिसाब से विकास दर, नारी सशक्तीकरण के विभिन्न कार्यक्रम आदि.

उनका यह भी कहना है कि चूंकि अब ज्ञान समाज की ओर विश्व बढ़ रहा है इसलिए हमें अपनी सूचना तकनीकी, जैव तकनीकी के ज्ञान का पूरा उपयोग समाज के अंतिम आदमी के हित में करना चाहिए.

रोटी-कपड़ा-मकान, बिजली-सड़क-पानी, स्वास्थ्य-शिक्षा-रोजगार, यदि इन नौ विषयों को केंद्र में रखकर योजना बने और ये योजना आम आदमी को सीधे लाभान्वित करें तो निश्चय ही एक पीढ़ी बाद का भारत यानी 2020 का भारत, एक विकसित भारत होगा.

लेकिन-
'कोई कर्ज़ तो उतारे, कोई ज़िम्मा तो ले,
उस इंकलाब का, जो अबतक उधार-सा है'

 
 
इससे जुड़ी ख़बरें
अपेक्षा से अधिक अच्छा रहा यह अनुभव
10 मार्च, 2006 | भारत और पड़ोस
सुर्ख़ियो में
 
 
मित्र को भेजें कहानी छापें
 
  मौसम |हम कौन हैं | हमारा पता | गोपनीयता | मदद चाहिए
 
BBC Copyright Logo ^^ वापस ऊपर चलें
 
  पहला पन्ना | भारत और पड़ोस | खेल की दुनिया | मनोरंजन एक्सप्रेस | आपकी राय | कुछ और जानिए
 
  BBC News >> | BBC Sport >> | BBC Weather >> | BBC World Service >> | BBC Languages >>