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शनिवार, 25 मार्च, 2006 को 12:10 GMT तक के समाचार

अनिल अंबानी का राज्यसभा से इस्तीफ़ा

भारत के एक प्रमुख उद्योगपति अनिल अंबानी ने राज्य सभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया है.

ग़ौरतलब है कि कुछ दिन पहले यह विवाद खड़ा हो गया था कि कोई व्यक्ति लाभ के किसी पद पर रहते हुए संसद के किसी सदन का सदस्य नहीं रह सकता.

हालाँकि संसद के किसी भी सदन के लिए निर्वाचिक होने की यह संवैधानिक शर्त है कि उम्मीदवार को किसी लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए लेकिन जया बच्चन के मामले से इस विवाद ने नया तूल पकड़ लिया.

चुनाव आयोग ने फ़िल्म अभिनेत्री और राज्य सभा सदस्य जया बच्चन की सदस्यता इसी आधार पर रद्द करने की सिफ़ारिश कर दी थी क्योंकि वह उत्तर प्रदेश फ़िल्म विकास निगम की अध्यक्ष थीं जिसे लाभ का पद माना गया.

उसके बाद लोकसभा में हंगामा होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने भी अपनी सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया था.

विपक्ष ने आरोप लगाया था कि सोनिया गाँधी भी राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की सदस्य हैं इसलिए वह लोक सभा की सदस्यता बरक़रार नहीं रख सकतीं.

अंबानी उद्योग समूह के बँटवारे के बाद एक हिस्से के अध्यक्ष अनिल अंबानी भी राज्य सभा का सदस्य होने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश विकास निगम के सदस्य थे.

अनिल अंबानी ने शनिवार को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया.

अनिल अंबानी जून 2004 में उत्तर प्रदेश से राज्य सभा सदस्य चुने गए थे. वह निर्दलीय उम्मीदवार थे, हालाँकि उन्हें राज्य में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी का समर्थन हासिल था.

अनिल अंबानी राज्य सबा के लिए चुने जाने से पहले ही उत्तर प्रदेश विकास परिषद के मानद सदस्य थे.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार अनिल अंबानी ने कहा है, "मेरा यह दृढ़ विश्वास है कि हम सबको सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता और नैतिक मूल्यों को क़ायम रखना चाहिए और विवादों से बचना चाहिए."

"इसी बात को ध्यान में रखते हुए मैंने राज्य सभा की सदस्यता से तुरंत प्रभाव से इस्तीफ़ा देने का फ़ैसला किया है."