शुक्रवार, 24 मार्च, 2006 को 10:43 GMT तक के समाचार
भारत के राष्ट्रपति कार्यालय ने शुक्रवार को चुनाव आयोग से लगभग दस ऐसे सांसदों की सदस्यता के बारे में सलाह मांगी है जो लाभ के पदों पर हो सकते हैं.
इन सांसदों में लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी सहित सोनिया गांधी और सुब्बीरमी रेड्डी जैसे प्रभावशाली नेताओं के नाम शामिल हैं जिनके बारे में कहा जा रहा है कि ये लोग सांसद होने के साथ ही किसी और सरकारी संस्थान में पदस्थ हैं.
यह जानकारी चुनाव आयुक्त बीबी टंडन ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी.
उन्होंने बताया कि लगभग 10 सदस्यों के बारे में चुनाव आयोग की सलाह मांगी गई है जिनमें लोकसभा अध्यक्ष के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी, केंद्रीय मंत्री सुब्बीरामी, कर्ण सिंह, कपिला वात्सयायन, मुकुल राय, भानुप्रताप सिंह वर्मा, चंद्रपाल सिंह, नीलोत्पल बसु आदि के नाम शामिल हैं.
टंडन ने बताया कि इन सदस्यों का नाम लेते हुए राष्ट्रपति कार्यालय से एक अधिसूचना जारी की गई है जिस पर चुनाव आयोग से राय माँगी गई है.
हालांकि टंडन सोनिया गांधी और कर्ण सिंह समेत उन सदस्यों के बारे में अपनी स्पष्ट राय नहीं बता सके जो कि इस तरह की चर्चा के बाद अपनी संसद सदस्यता से इस्तीफ़ा दे चुके हैं.
उधर वाम दलों ने इस बाबत एक अध्यादेश लाने की बात कही है.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो के हवाले से कहा गया है कि राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के अध्यक्ष पद को लाभ के पदों पर होने के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए और इस बारे में एक स्पष्ट राय बनानी चाहिए.
यह भी कहा गया है कि इसे फिर से परिभाषित करने और ज़रूरत पड़े तो संविधान में संशोधन करने की आवश्यकता है.
ग़ौरतलब है कि सोनिया गांधी राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की अध्यक्ष थीं जबकि कर्ण सिंह सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष हैं. उधर लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी भी पश्चिम बंगाल औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष हैं.
कुछ अन्य सांसद राज्यों के विकास बोर्डों में हैं.