रविवार, 05 मार्च, 2006 को 14:49 GMT तक के समाचार
बीबीसी हिंदी डॉट कॉम और बेव दुनिया मिलकर भारत के चुनिंदा पत्रकारिता संस्थानों में इंटरनेट पत्रकारिता पर कार्यशालाएँ आयोजित कर रहे हैं.
इस कार्यशाला का उद्देश्य पत्रकारिता के छात्रों को ‘ऑनलाइन पत्रकारिता’ के व्यावहारिक पहलुओं से अवगत करवाना है.
बीबीसी हिंदी डॉट कॉम की संपादक सलमा ज़ैदी और वेब दुनिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय छजलानी ने इंदौर में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि पहले चरण में चार पत्रकारिता संस्थानों में कार्यशालाओं का आयोजन होगा.
एक संयुक्त पत्रकारवार्ता में दोनों ने कहा कि पहले चरण के अनुभवों के आधार पर दूसरा चरण अगले शैक्षणिक सत्र में आयोजित होगा.
विनय छजलानी ने कहा कि इंटरनेट पत्रकारिता ने पिछले बरसों में लंबा सफ़र तय किया है लेकिन उसकी तुलना में पत्रकारिता के प्रति जागरुकता नहीं बढ़ी है.
उन्होंने कहा, “हर माध्यम का फ़ायदा लेने के लिए ज़रुरी होता है कि उस माध्यम को जान लिया जाए. इन कार्यशालाओं से इसकी शुरुआत की जा रही है.”
सलमा ज़ैदी ने इंटरनेट पत्रकारिता को भविष्य की पत्रकारिता बताते हुए कहा कि इंटरनेट ही एक ऐसा माध्यम है जिसमें ख़बरें दिन के चौबीसों घंटे और हफ़्ते के सातों दिन उपलब्ध रहती हैं.
उन्होंने कार्यशाला के बारे में कहा, “इन कार्यशालाओं को ऑनलाइन की जानकारी देना भर न कहकर प्रतिभाओं की खोज भी कहा जा सकता है.”
चार कार्यशालाएँ
पहली कार्यशाला इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग में सोमवार छह मार्च को होगी.
इसके बाद सात मार्च को भोपाल के माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता संस्थान में कार्यशाला होगी.
तीसरी कार्यशाला नौ मार्च को दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया (विश्वविद्यालय) में और चौथी दस मार्च को भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली में आयोजित होगी.
हर कार्यशाला के लिए संस्थान के 35 छात्रों का चयन किया गया है.
इस एक दिवसीय कार्यशाला में शामिल छात्र-छात्राओं को समसामयिक विषय पर लेख लिखने को कहा जाएगा और श्रेष्ठ लेखों का बीबीसी हिंदी डॉट कॉम और वेब दुनिया पर प्रकाशन किया जाएगा.
साथ ही उन्हें एक प्रमाणपत्र भी प्रदान किया जाएगा.
पत्रकारों के इस सवाल पर कि क्या इसी तरह की कार्यशालाएँ पत्रकारिता कर रहे लोगों के लिए भी आयोजित की जाएँगी, सलमा ज़ैदी ने कहा कि भविष्य में इस पर विचार किया जा सकता है.
वेब दुनिया के विनय छजलानी ने इंटरनेट पत्रकारिता की विशेषताएँ गिनाते हुए कहा कि समाचार पत्रों और टेलिविज़न की तुलना में इंटरनेट पत्रकारिता की उम्र बहुत कम है लेकिन उसका विस्तार तेज़ी से हुआ है.
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इसका विस्तार बेतार पत्रकारिता यानी वायरलेस पत्रकारिता में होगा.
पार्टनर
बीबीसी हिंदी डॉट कॉम और वेब दुनिया पिछले डेढ़ वर्षों से पार्टनर हैं.
इस अनुबंध के तहत वेब दुनिया अपनी साइट पर बीबीसी हिंदी डॉट कॉम की चुनिंदा सामग्री का उपयोग करता है.
इससे दोनों की संस्थानों से जुड़े हिंदी के लाखों पाठकों को लाभ पहुँचा है.
बीबीसी हिंदी सेवा पिछले पैंसठ वर्षों से समाचार और समसायिक विषयों पर कार्यक्रम प्रसारित करती आ रही है और वर्ष 2002 से हिंदी डॉट कॉम नाम से वेबसाइट चला रही है.
दूसरी ओर वेब दुनिया 1999 में पहले हिंदी पोर्टल के रुप में शुरु हुआ था. वेब दुनिया का पोर्टल हिंदी के अलावा तमिल, तेलगु और मलयालम में भी मौजूद है.