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राजस्थान में धर्मांतरण पर विवाद | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार का धर्म परिवर्तन के ख़िलाफ़ एक विवादास्पद विधेयक लाने का प्रस्ताव है. इसके तहत प्रलोभन देकर या फिर ज़बरदस्ती धर्म परिवर्तन करने पर कड़ा दंड दिए जाने का प्रावधान है. लेकिन मुस्लिम और ईसाई संगठनों ने इसका विरोध किया है और उनका कहना है कि ऐसे क़ानून का इस्तेमाल अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हो सकता है. राजस्थान के संसदीय मामलों में मंत्री रांजेंद्र राडौड़ ने बीबीसी संवाददाता नारायण बारेठ को बताया कि 'धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक' के तहत यदि कोई व्यक्ति 'धोखे से' धर्मपरिवर्तन करता पाया जाता है तो उसे पाँच साल की जेल की सज़ा हो सकेगी. उनका कहना था कि कई अन्य राज्यों में ऐसा क़ानून है जैसे उड़ीसा, मध्यप्रदेश और गुजरात. महत्वपूर्ण है कि इस विधेयक में दोबारा धर्म परिवर्तन वाली गतिविधियाँ शामिल नहीं हैं जैसी कुछ हिंदू कट्टपंथी राजस्थान के आदिवासी क्षेत्रों में चलाते हैं. राजस्थान के जमाते इस्लामी संगठन के प्रमुख सलीम इंजीनियर ने आरोप लगाया कि ये कदम हिंदू कट्टरपंथियों को ख़ुश करने के लिए उठाया जा रहा है. उधर ईसाई संगठनों का कहना है कि अल्पसंख्यक समुदाय इसका निशाना बनेंगे. जयपुर के बिशप ओ लुविस का कहना था, "हमें डर है कि इसका हमारे ख़िलाफ़ दुरुपयोग होगा." नागरिक अधिकार संस्था पीपुल्स यूनियन ऑफ़ सिविल लिबर्टीज़ की प्रवक्ता कविता श्रीवास्तव का कहना था, "प्रस्तावित विधेयक संविधान का उल्लंघन करता है. ये संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता के प्रावधान का उल्लंघन करता है." | इससे जुड़ी ख़बरें गुजरात में धर्मपरिवर्तन पर विवाद19 जनवरी, 2006 | भारत और पड़ोस ईसाई से फिर हिंदू बने04 मार्च, 2004 | भारत और पड़ोस कई हिंदुओं ने बौद्ध धर्म अपनाया27 अक्तूबर, 2003 | भारत और पड़ोस धर्मांतरण के आरोप पर हंगामा17 जुलाई, 2005 | भारत और पड़ोस धर्मनिरपेक्ष थे मोहम्मद अली जिन्ना ?07 जून, 2005 | भारत और पड़ोस | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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