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गुरुवार, 16 फ़रवरी, 2006 को 05:48 GMT तक के समाचार

अल्पसंख्यकों के लिए 15 सूत्री कार्यक्रम

संसद का बजट सत्र गुरुवार को राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के अभिभाषण के साथ शुरु हो गया है.

अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति ने कहा है कि यूपीए सरकार अल्पसंख्यकों के सामाजिक विकास के लिए पंद्रह सूत्री कार्यक्रम बना रही है.

उन्होंने सरकारी संस्थाओं में मुसलमानों की संख्या पता लगाने की सरकार की योजना को सही ठहराया.

राष्ट्रपति ने कहा है कि सरकार उन इलाक़ों के राजनीतिक संगठनों से बातचीत शुरु करने जा रही है जहाँ चरमपंथ है.

उन्होंने सरकार की उपलब्धियों और नीतियों के ज़िक्र करते हुए कृषि उत्पादों के लिए अलग बाज़ार बनाया जाएगा.

दोनों सदनों के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति के परंपरागत अभिभाषण के बाद लोकसभा और राज्यसभा के अलग-अलग सत्र भी शुरु हुए जहाँ पीएम सईद सहित दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.

अल्पसंख्यक

राष्ट्रपति ने कहा है कि सरकार अल्पसंख्यकों के सामाजिक विकास के लिए 15 सूत्री कार्यक्रम तैयार कर रही है.

उन्होंने कहा, "इस कार्यक्रम के तहत ग़रीबों की भलाई के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी और उद्यम को बढ़ावा दिया जाएगा."

उनका कहना था कि इसमें मदरसों का विकास भी शामिल है.

उन्होंने दोहराया कि सरकार सांप्रदायिक दंगों को रोकने के लिए क़ानून बनाने जा रही है.

सेना और दूसरे सरकारी विभागों में मुसलमानों की संख्या पता लगाने को लेकर उठे विवाद के बीच राष्ट्रपति ने इसे ठीक बताते हुए कहा कि इससे अल्पसंख्यकों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति का अंदाज़ा लगाया जा सकेगा.

उल्लेखनीय है कि राजेंद्र सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ये कार्रवाई की जा रही है.

इसके अलावा राष्ट्रपति ने सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई कि वह आर्थिक विकास की गति को बनाए रखेगी.

उन्होंने कहा कि सरकार के गठन के बाद से समाज में विभाजन की जगह आम आदमी के विषयों पर चर्चा की शुरुआत हुई है.

चुनौती वाला सत्र

माना जा रहा है कि केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के लिए यह सत्र ख़ासी चुनौतियों वाला साबित हो सकता है.

19 महीने पुरानी यूपीए सरकार के सामने एक तो वामपंथी दलों से निपटने की होगी जो सरकार को समर्थन दे रहे हैं और ईरान से लेकर हवाई अड्डों के निजीकरण के मुद्दे तक सरकार की कई नीतियों से नाराज़ हैं.

दूसरी ओर विपक्ष के पास बिहार पर सुप्रीम कोर्ट से फ़ैसले से लेकर बोफ़ोर्स मामले के कथित सूत्रधार क्वात्रोची का पैसा बैंक से निकालने देने जैसे कई अहम मुद्दे हैं और वोल्कर समिति की रिपोर्ट का मुद्दा भी है.

फिर ईरान के ही मसले पर समाजवादी पार्टी के अविश्वास प्रस्ताव की धमकी भी है जिसे तेलगू देशम पार्टी का समर्थन मिल चुका है.

सरकार के लिए राहत की बात सिर्फ़ इतनी सी हो सकती है कि जिन मुद्दों पर सरकार को समर्थन देने वाले दल घेरने वाले हैं उनमें से कई अहम मुद्दों पर, जिनमें ईरान, ख़ुदरा बाज़ार खोलने और हवाई अड्डों को निजीकरण हैं, प्रमुख विपक्षी दल भाजपा सरकार के साथ है.