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रविवार, 12 फ़रवरी, 2006 को 02:40 GMT तक के समाचार

ईरान पर अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी

ईरान के मसले पर केंद्र की यूपीए सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव लाने के समाजवादी पार्टी के इरादे को तेलुगू देशम पार्टी का भी समर्थन मिल गया है.

इसमें शिरोमणि अकाली दल (बादल) ने भी साथ देने का वादा किया है.

वैसे इसे कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चाबंदी के रुप में देखा जा रहा है.

अगर इसे सदन में रखा जाता है तो यह 18 महीने पुरानी यूपीए सरकार के ख़िलाफ़ ये पहला अविश्वासन प्रस्ताव होगा.

उल्लेखनीय है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी में हुए मतदान में भारत ने ईरान के ख़िलाफ़ मत दिया था.

भारत के इस रुख़ का वामपंथी दलों ने भी जमकर विरोध किया था और वे अभी भी इसका विरोध कर रहे हैं.

वैसे तो समाजवादी पार्टी ने पहले ही कहा था कि वह ईरान के मुद्दे पर अविश्वास प्रस्ताव लाएगी लेकिन शनिवार को लखनऊ पहुँचे चंद्राबाबू नायडू ने समाजवादी पार्टी का साथ देने की घोषणा करके इस मामले को और हवा दे दी है.

इस घोषणा को कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चाबंदी की शुरुआत के रुप में देखा जा रहा है.

दिल्ली पहुँचकर चंद्राबाबू नायडू ने पत्रकारों से कहा, "टीडीपी और समाजवादी पार्टी में कई समानताएँ हैं, दोनों कांग्रेस के कट्टर विरोधी हैं, दोनों धर्मनिरपेक्षता के प्रति प्रतिबद्ध हैं और कांग्रेस के कुशासन के ख़िलाफ़ हैं."

वामपंथी और अन्य दल

चंद्राबाबू नायडू ने संकेत दिए हैं कि ईरान के मसले पर उन्हें वामपंथी दलों के रुख़ से भी उम्मीदें हैं.

हालांकि वामपंथी दल कह चुके हैं कि ईरान पर उनके विचार समाजवादी पार्टी से मिलते जुलते हैं लेकिन अविश्वास प्रस्ताव पर उन्होंने अभी तक कुछ नहीं कहा है.

उधर भाजपा ने अभी तक अविश्वास प्रस्ताव पर कुछ नहीं कहा है लेकिन समाजवादी पार्टी के रुख़ का साथ देने के मसले पर पार्टी में मतभेद हैं, हालांकि 14 फ़रवरी को होने वाली भाजपा की बैठक में इस पर महत्वपूर्ण फ़ैसला होगा.

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और एनडीए की सरकार को बाहर से समर्थन दे चुकी टीडीपी के नेता नायडू ने बाद में अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल और जेडीयू के नेता शरद यादव से भी मुलाक़ात की.