|
'धर्मांतरण के ख़िलाफ़ क़ानून बने' | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि भारत में धर्म परिवर्तन की स्थिति को 'ख़तरनाक' बताते हुए कहा है कि इसे रोकने के लिए एक क़ानून बनाया जाना चाहिए. उधर विश्व हिंदू परिषद ने भी कहा है कि धर्म परिवर्तन को 'संज्ञेय अपराध' की श्रेणी में रखा जाना चाहिए. आरएसएस और इससे जुड़ी संस्थाएँ और भाजपा धर्म परिवर्तन का विरोध करते रहे हैं और भाजपा के मुंबई अधिवेशन में कार्यकर्ताओं ने इस पर कड़ा रुख़ अपनाने की अपील की थी. अपनी परिवर्तन यात्रा के दौरान गुवाहाटी पहुँचे भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने रविवार को ईसाई मिशनरियों पर धर्म परिवर्तन का सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें सिर्फ़ समाज सेवा करनी चाहिए. आदिवासी और पिछड़े इलाक़ो में धर्म परिवर्तन की स्थिति को 'ख़तरनाक' बताते हुए उन्होंने कहा, "धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए एक क़ानून बनाया जाना चाहिए और हमने झारखंड सहित सभी भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा है कि वे इसके ख़िलाफ़ कार्रवाई करें." 'संज्ञेय अपराध' उधर पुरी में चल रही विश्व हिंदू परिषद की दो दिवसीय धर्म संसद में भी धर्म परिवर्तन के ख़िलाफ़ क़ानून बनाने की मांग करते हुए कहा गया है कि इसे 'संज्ञेय अपराध' बनाया जाना चाहिए. इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित करते हुए वीएचपी की धर्म संसद ने केंद्र और राज्य सरकारों से इसके ख़िलाफ़ क़ानून बनाने की माँग की है. वीएचपी का कहना है कि 'देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा के लिए' आवश्यक है कि धर्म परिवर्तन को रोका जाए. माँग पूरी न होने पर देशव्यापी आँदोलन की धमकी भी वीएचपी ने दी है. | इससे जुड़ी ख़बरें गुजरात में धर्मपरिवर्तन पर विवाद19 जनवरी, 2006 | भारत और पड़ोस ईसाई से फिर हिंदू बने04 मार्च, 2004 | भारत और पड़ोस कई हिंदुओं ने बौद्ध धर्म अपनाया27 अक्तूबर, 2003 | भारत और पड़ोस धर्मांतरण के आरोप पर हंगामा17 जुलाई, 2005 | भारत और पड़ोस धर्मनिरपेक्ष थे मोहम्मद अली जिन्ना ?07 जून, 2005 | भारत और पड़ोस | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||