|
दस लाख लोगों के नाम सूची से बाहर | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची में कुछ अनियमितताएँ पाने के बाद चुनाव आयोग के अधिकारियों ने लगभग दस लाख लोगों के नाम इस सूची से हटा दिए हैं. भारतीय चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना था, "इनमें से अधिकतर वोट फ़र्ज़ी है या फिर इनमें लोगों ने झूठी पहचान दी है इसलिए ये नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं किए जा सकते." इस साल पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं. पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी देबाशीष सेन का कहना था कि अंतिम मतदाता सूची की छपाई एक हफ़्ते स्थिगित की गई है और अब ये 22 फ़रवरी को छापी जाएगी. उनका कहना था कि इस साल पश्चिम बंगाल में 21 लाख नए मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में शामिल किए गए हैं. जिन दस लाख लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं उनमें से साढ़े सात लाख के नाम शिकायतों और फिर उन शिकायतों की जाँच के आधार पर हटाए गए हैं. चुनाव आयोग के अधिकारी राज्य के कई ज़िलों का दौरा कर रहे हैं ताकि जाली मतदाताओं का पता लगाया जा सके. त्रिणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी पहले ही इसे चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल में अब तक 4.8 करोड़ मतदाता थे जो कि ताज़ा आँकड़ों के मुताबिक अब दस लाख बढ़ जाएँगे. | इससे जुड़ी ख़बरें बिहार, झारखंड में पुनर्मतदान 07 फ़रवरी, 2005 | भारत और पड़ोस पहले चरण के बाद लालू की चिंता बढ़ी06 फ़रवरी, 2005 | भारत और पड़ोस पहले चुनाव से जुड़ा झारखंड का भविष्य04 फ़रवरी, 2005 | भारत और पड़ोस पहले चरण में औसत मतदान, 14 की मौत03 फ़रवरी, 2005 | भारत और पड़ोस सोनिया बिहार को लेकर चिंतित02 फ़रवरी, 2005 | भारत और पड़ोस पहले दौर के लिए प्रचार कार्य समाप्त01 फ़रवरी, 2005 | भारत और पड़ोस हरियाणा में विकास तो हुआ है पर...01 फ़रवरी, 2005 | भारत और पड़ोस | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||