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अपने ही घर में बेघर हुए किसान | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
बांग्लादेश से ग़ैरक़ानूनी तौर पर आने वाले लोगों को रोकने के लिए भारत की ओर से लगाई जा रही बाढ़ के कारण सीमा पर रहने वालों के लिए एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है. सीमा के इलाक़ों में रहने वाले कई किसानों के खेत इस तारबाड़ के दूसरी तरफ़ आ गए हैं. यानी कई लोगों के खेत बांग्लादेश की सीमा और भारतीय तारबाड़ के बीच में पड़ते हैं. मैं बांग्लादेश की तरफ़ था और वहीं खड़े एक स्थानीय आदमी ने जो कुछ बताया उससे स्थिति एकदम साफ़ हो गई. एक विशाल बरगद के पेड़ की ओर इशारा करते हुए उसने कहा, “इस पेड़ का तना तो भारत में हैं. लेकिन जिन शाखाओं के नीचे आप खड़े हैं वो बांग्लादेश में हैं.” चौकसी बांग्लादेश के 25 हज़ार सीमारक्षक इस इलाक़े में तैनात किए गए हैं और उनके लिए भारत का सीमा सुरक्षा बल दुश्मन ताक़त है. बांग्लादेश के लेफ़्टिनेंट कर्नल लुत्फ़ुर्रहमान के साथ जब मैं इस इलाक़े में पहुँचा तो वो मेरी सुरक्षा के लिए काफ़ी चिंतित नज़र आए. दो क़दम की दूरी पर बनी रेखा की ओर अपनी छड़ी से इशारा करते हुए उन्होंने कहा, “उधर क़दम मत रख देना, क्योंकि वहाँ से भारत शुरू होता है. वो बहुत क्रूर लोग हैं और गोली मार सकते हैं.” कहने को तो दोनों देशों के बीच दोस्ताना संबंध हैं, लेकिन जब से भारत ने सीमा पर तारबाड़ लगाने का काम शुरू किया है तभी से कई बार झड़पें हो चुकी हैं. बांग्लादेश के सिपाही सुबह की गश्त पर हैं और सीमा के एकदम क़रीब एक पंक्ति में चलते हैं. चारों ओर पसरे सन्नाटे को या तो उनके बूटों की आवाज़ तोड़ती है या फिर उनके हथियारों की रगड़ से निकलने वाली आवाज़. बाहर फ़ुट ऊँची तारबाड़ के पार भारत की ओर एक सड़क पर कभी कभार कोई रिक्शेवाला नज़र आ जाता है. कई बार भारतीय सुरक्षा बलों के जवान की धुँधली छवि भी दिख पड़ती है. बांग्लादेश को इस बात से कोई एतराज़ नहीं है कि चार हज़ार किलोमीटर लंबी सीमा पर भारत तारबाड़ लगा रहा है. उसे एतराज़ इस बात पर है कि कई जगहों पर भारत ने ये तारबाड़ पहले से तय जगह से हटकर लगाई है. देस या परदेस बरगद के पेड़ से कुछ ही दूर पर भारतीय गाँव की कुछ झोपड़ियाँ नज़र आती हैं. मैं गाँव के प्रधान दिनिया सिंघा को पुकारता हूँ और हम दोनों ऐन सीमारेखा पर मिलकर बात करते हैं. दिनिया सिंघा बताते हैं कि तारबाड़ ने उनका जीना मुहाल कर दिया है. ये तारबाड़ अंतरराष्ट्रीय सीमा से क़रीब 150 मीटर भारतीय सीमा के अंदर है. इसी कारण दिनिया सिंघा आसानी से उसे पारकर अपने खेतों में नहीं जा पाते हैं. हमारी बातचीत के दौरान ही एक और गाँव वाला सतर्क हो गया और ये कहते हुए चुपचाप खिसक गया कि सीमा सुरक्षा बल के लोग आ रहे हैं. अपनी ही धरती पर ये लोग अपने ही सुरक्षा बलों से डरकर रहने पर मजबूर हैं. | इससे जुड़ी ख़बरें बांग्लादेश समयचक्र | भारत और पड़ोस 'अवैध लोग वापस जाएं' | भारत और पड़ोस नदियों को जोड़ने पर चिंता | भारत और पड़ोस बांग्लादेश पर सहयोग न करने का आरोप08 अगस्त, 2004 | भारत और पड़ोस भारत-बांग्लादेश सीमा पर गोलीबारी17 अप्रैल, 2005 | भारत और पड़ोस अवैध आप्रवासियों के मुद्दे पर बैठक होगी06 अगस्त, 2005 | भारत और पड़ोस भारत-बांग्लादेश सीमा पर भीषण गोलीबारी19 अगस्त, 2005 | भारत और पड़ोस भारत-बांग्लादेश सीमा पर गोलीबारी बंद20 अगस्त, 2005 | भारत और पड़ोस इंटरनेट लिंक्स बीबीसी बाहरी वेबसाइट की विषय सामग्री के लिए ज़िम्मेदार नहीं है. | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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