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राजनीतिज्ञ युवाओं के आदर्श बनें: राष्ट्रपति | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संदेश में कहा है कि संसद सदस्य युवाओं के लिए आदर्श स्थापित करें. भारत के 57 वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति कलाम ने कहा कि न्यायपालिका और क़ानून लागू करनेवाली एजेंसियाँ ग़रीब लोगों की सेवा करें. राष्ट्रपति ने राजनीतिक दलों से कहा कि वे विकास की राजनीति करें. उनका कहना था कि लोगों को विकसित देश में रहने की अभिलाषा है और यह उनका अधिकार भी है. उन्होंने पारदर्शी जीवन की ज़रूरत पर बल दिया. उनका कहना था कि हर व्यक्ति को रोज़मर्रा की ज़िंदगी में ईमानदारी, सच्चाई और सहनशीलता का परिचय देना चाहिए. इससे राजनीतिक नेतृत्व का क़द भी बढ़ेगा. उन्होंने कहा,'' हमारे 54 करोड़ युवा जो 25 साल से कम उम्र के हैं, उन्हें हमारे सांसदों की हर गतिविधि में महान नेताओं की झलक दिखाई देनी चाहिए. वो उनके आदर्श बन जाएँ ताकि वे हमारी राजनीति में बदलाव लाएँ.'' राष्ट्रपति की ये बातें हाल में सवाल के बदले धन लेने के में फंसे सांसदों के मामले के संदर्भ में महत्वपूर्ण हैं. विकास की राजनीति राष्ट्रपति कलाम ने विकास की राजनीति पर खासा ज़ोर दिया. उनका कहना था कि सभी दलों को इसको अपनाना चाहिए और सभी का लक्ष्य यही होना चाहिए ताकि ग़रीबी की रेखा से नीचे रह रहे लोगों को इससे ऊपर लाया जा सके. उन्होंने सभी युवाओं के लिए एनसीसी का प्रशिक्षण आवश्यक करने को कहा. उनका कहना था कि इससे युवाओं में अनुशासन आएगा. उन्होंने कहा कि देशभर में फैली एजेंसियों के प्रयास उन्हें विश्वास दिलाते हैं कि हम विकास के सही रास्ते पर चल रहे हैं और 2020 से पहले भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदल देंगे. राष्ट्रपति कलाम ने कहा कि हर बदलाव अपने साथ कुछ ज़िम्मेदारियाँ लेकर आता है. इसलिए हमें जीवन के सभी क्षेत्रों में नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देना चाहिए ताकि एक अरब से ज़्यादा लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाने का सपना साकार हो सके. उन्होंने अपने भाषण में कई बातें छोटी छोटी कहानियों और किस्से सुनाए. साथ ही बच्चों के उन सवालों का भी ज़िक्र किया जो उनसे पूछे गए थे. उन्होंने अपने भाषण में वैज्ञानिक अनुसंधान, शिक्षा और नैतिकता पर खासा बल दिया. | इससे जुड़ी ख़बरें रोज़गार और स्वास्थ्य पर ज़ोर25 जनवरी, 2005 | भारत और पड़ोस सांप्रदायिक हिंसा के ख़िलाफ़ क़ानून:कलाम25 फ़रवरी, 2005 | भारत और पड़ोस 'ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना है'14 अगस्त, 2005 | भारत और पड़ोस कलाम भूकंप प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर26 नवंबर, 2005 | भारत और पड़ोस | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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