|
परमाणु मुद्दे पर भारत-अमरीका वार्ता | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
भारत के विदेश सचिव श्याम सरन ने शुक्रवार को अमरीका की विदेश मंत्री कॉंडोलीज़ा राइस से वाशिंगटन में मुलाक़ात की. इस वार्ता में मुख्य तौर पर परमाणु कार्यक्रम पर ही बात हुई. श्याम सरन ने कहा कि परमाणु मुद्दे पर दोनों देशों के बीच जुलाई में हुई सहमित को लागू करने के सिलसिले में बातचीत हुई. उन्होंने कहा कि इस बातचीत से वे उत्साहित हैं. बैठक के बाद भारत के विदेश सचिव श्याम सरन ने ये नहीं बताया कि परमाणु मुद्दे पर हुए समझौते को लागू कैसे किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अगले महीने भारत में वार्ता का दूसरा दौर होगा. बुश का दौरा जुलाई में अमरीका शांतिपूर्ण मकसद के लिए भारत को परमाणु तकनीक देने पर सहमत हुआ था. लेकिन अभी इस समझौते पर अमरीकी कांग्रेस की मुहर लगनी बाकी है. भारतीय विदेश सचिव ने ये भी बताया कि कॉंडोलीज़ा राइस के साथ मुलाक़ात में बुश के आगामी भारत दौरे के लिए भी तैयारी की गई. श्याम सरन ने कहा, "हमें लगता है कि अगले महीने अमरीकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के भारत दौरे से पहले परमाणु मामले में प्रगति हो जाएगी." समझौता भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस साल जुलाई में वाशिंगटन आए थे. उसी दौरान भारत और अमरीका ने परमाणु मसले को लेकर हुए समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. समझौते के तहत अमरीकी कंपनियों को भारत में परमाणु ऊर्जा केंद्र बनाने और परमाणु ईंधन सप्लाई करने की इजाज़त दी जाएगी. इसके अलावा परमाणु ऊर्जा से जुड़े भारत के कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय जाँच की परिधि में आएँगे. 1998 में भारत ने परमाणु परीक्षण किया था जिसके बाद अमरीका ने भारत को परमाणु तकनीक देने पर रोक लगा दी थी. | इससे जुड़ी ख़बरें भारत से परमाणु सहयोग पर बहस27 अक्तूबर, 2005 | पहला पन्ना 'बुश-मनमोहन के बीच फ़ोन पर बात'30 सितंबर, 2005 | पहला पन्ना परमाणु ऊर्जा सहयोग पर बुश का वादा14 सितंबर, 2005 | पहला पन्ना अमरीका ने भारत से प्रतिबंध हटाए01 सितंबर, 2005 | पहला पन्ना | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||