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वोट सुशासन के लिए-नीतीश | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
जेडीयू-भाजपा गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार नीतीश कुमार ने बिहार के चुनाव परिणामों पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा है कि यह परिवर्तन और सुशासन के लिए वोट है. उन्होंने चुनाव परिणामों को जनता की जीत बताया है. दिल्ली स्थित अपने निवास में पत्रकारों से हुई बातचीत में उन्होंने कहा है कि उनकी पहली प्राथमिकता सुशासन ही होगी और वे पहले दिन से ही जनता के हित में काम करना शुरु करेंगे. उन्होंने कहा, "चुनाव परिणाम दर्शाता है कि कुशासन से जनता कितनी परेशान हो गई थी." उन्होंने कहा कि बिहार में विकास की गाड़ी पटरी से उतर गई है और गठबंधन सरकार प्राथमिकता के आधार पर उसे पटरी पर लाएगी. नीतीश कुमार ने कहा कि पिछले चुनाव में जिस तरह बहुमत के बाद भी सरकार नहीं बनने दी गई उस अन्याय के ख़िलाफ़ भी जनता ने अपनी राय ज़ाहिर की है. विनम्रता और जवाबदेही हालांकि उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के लिए अभी बहुत सी लोकतांत्रिक प्रक्रियाएँ पूरी करनी होंगी लेकिन वे भावी मुख्यमंत्री के रुप में ही जवाब दे रहे थे. जश्न के माहौल में उनके निवास पर जनता दल यू के नेता शरद यादव और भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी और अरूण जेटली मौजूद थे. उन्होंने कहा कि बिहार के सभी वर्गों ने मिलकर उनको जीत दिलवाई है और वे दलित, पिछड़े, अतिपिछड़े, नर और नारी सभी को साथ लेकर चलेंगे. उन्होंने उम्मीद जताई कि चुनाव जीतने की ही तरह सरकार चलाने में भी लोगों का सहयोग मिलेगा. लालू प्रसाद यादव पर टिप्पणी पूछने पर उन्होंने कहा, "हम जीत की ख़ुशी में झूम नहीं रहे हैं और विनम्रता लेकिन दृढ़ता के साथ जवाबदेही स्वीकार कर रहे हैं." नीतीश कुमार ने बिहार में निष्पक्ष और साफ़सुथरे चुनाव के लिए चुनाव आयोग को बधाई दी और कहा कि चुनाव आयोग ने इस धारणा को तोड़ा है कि बिहार में चुनाव ठीक तरह से हो ही नहीं सकते. उन्होंने कहा, "एक मिथक यह भी है कि बिहार ठीक नहीं हो सकता और हमें इस मिथक को भी तोड़ना है." पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री ने कहा कि वे साबित करना चाहते हैं कि बिहार में क्षमता और ताक़त सब है. दाग़ियों को मंत्री न बनाए जाने और क़ानून व्यवस्था को ठीक करने के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि जो भी वादे चुनाव के दौरान किए गए थे उन्हें पूरा किया जाएगा. | इससे जुड़ी ख़बरें यादव समाज में नई सुगबुगाहट 10 नवंबर, 2005 | भारत और पड़ोस बिहार में राजनीति का अपराधीकरण 03 नवंबर, 2005 | भारत और पड़ोस बिहार पर छाई राजनीतिक धुंध02 नवंबर, 2005 | भारत और पड़ोस बड़े राजनीतिक दलों का छोटा गणित21 अक्तूबर, 2005 | भारत और पड़ोस 'बिहार विधानसभा भंग करना असंवैधानिक'07 अक्तूबर, 2005 | भारत और पड़ोस | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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