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मंगलवार, 04 अक्तूबर, 2005 को 15:13 GMT तक के समाचार

दलित मुसलमानों को रिझाने की कोशिश

बिहार में विधानसभा चुनावों की सरगर्मियाँ तेज़ हो गई हैं.

एक ओर यूपीए के घटकों ने अपना घोषणापत्र जारी किया तो दूसरी ओर एनडीए के सहयोगी जनता दल(यू) ने भी इस मामले में पीछे नहीं रहा.

इन घोषणापत्रों की खास बात यह थी कि दोनों में दलित मुसलमानों की आरक्षण देने की बात कही गई है.

बीबीसी संवाददाता मणिकांत ठाकुर का कहना है कि दिलचस्प बात यह है कि एनडीए के घटक जनता दल(यू) ने दलित मुसलमानों को अनुसूचित जाति में शामिल कर आरक्षण का लाभ देने का वादा किया है.

जनता दल(यू) ने अपना घोषणापत्र अपने सहयोगी दल भाजपा से अलग रखा है. इस घोषणापत्र को पार्टी नेता नीतिश कुमार ने जारी किया.

जनता दल (यू) ने वादा किया है कि सत्ता में आने पर वह मदरसों के आधुनिकीकरण करवाएगा और कब्रिस्तानों से अवैध कब्ज़े हटवाएगा.

दूसरी ओर, यूपीए के घटकों-आरजेडी, कांग्रेस और एनसीपी ने भी मंगलवार को अपना घोषणापत्र जारी किया.

इसमें सड़क, बिजली, पानी, क़ानून व्यवस्था और गाँवों में पक्के मकान के वादे के अलावा दलित मुसलमानों को शैक्षिक संस्थाओं और नौकरियों में आरक्षण दिलवाने का वादा किया है.

घोषणापत्र को आरजेडी प्रमुख लालू यादव, कांग्रेस के बिहार प्रभारी दिग्विजय सिंह और एनसीपी के तारिक अनवर ने जारी किया.

इसमें कहा गया है कि यदि आरक्षण के लिए ज़रूरी हुआ तो संविधान में संशोधन तक किया जाएगा.

आरजेडी पहले चरण में 61 सीटों में से 51 पर अपने उम्मीदवार उतार रही है. बाक़ी स्थानों पर गठबंधन के सहयोगी उम्मीदवार खड़े करेंगे.

आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने दावा किया है कि इन चुनावों में कई राजनीतिज्ञों के भ्रम टूटेंगे.

इसके अलावा आरजेडी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने मंगलवार को हाजीपुर ज़िले के राघोपुर विधानसभा क्षेत्र से नामांकन दाखिल किया.

हालाँकि बिहार के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को लेकर अब भी अनिश्चय का वातावरण बना हुआ है. पहले चरण के तहत 18 अक्तूबर को मतदान होना है.