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भाजपा में परिवर्तन की गति धीमी-संघ | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भारतीय जनता पार्टी में परिवर्तन की सुस्त रफ़्तार पर असंतोष ज़ाहिर किया है. संघ ने भाजपा में परिवर्तन के लिए पाँच सुझाव दिए थे. मध्यप्रदेश के चित्रकूट में तीन दिनों की बैठक के बाद आरएसएस के सरकार्यवाह मोहन भागवत ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि संघ परिवार के सभी सदस्यों को नीतियों का पालन करना पड़ेगा. हालांकि उन्होंने कहा कि संघ को भाजपा में परिवर्तन की रफ़्तार से कम और उसकी दिशा को लेकर चिंता ज़्यादा है. भाजपा से रिश्ते पिछले कई महीनों से भाजपा के साथ चल रहे तनावपूर्व रिश्तों के बाद भी संघ नेताओं ने भाजपा के साथ अपने रिश्तों पर बात करने में कोई परहेज़ नहीं किया. संघ के नेता मोहन भागवत ने कहा कि हरिद्वार की बैठक में भाजपा के लिए पाँच सुझाव दिए थे. जिसमें विचार, संगठन, कार्यकर्ता प्रशिक्षण, व्यवहार में संस्कार और सबसे संवाद का प्रस्ताव था. मोहन भागवत ने कहा कि परिवर्तन के इन सुझावों पर भाजपा की रफ़्तार सुस्त है. भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के इस आरोप पर कि संघ भाजपा के मामलों में दखलंदाज़ी करता है, भागवत ने कहा, "यह कहना कि संघ भाजपा के मामलों में दखलंदाज़ी करता है एक अवधारणा है और इसके बारे में जल्दी ही आडवाणी जी से बात होगी." संघ-भाजपा रिश्तों की बात पर उन्होंने संकेत दिए कि वही स्वीकार्य होगा जो नीतियों पर चले. उन्होंने कहा कि संघ अपनी नीतियों पर दृढ़ है. मोहन भागवत से जब पूछा गया कि संघ का जो कार्यकर्ता नीतियों से भटक जाएगा तो क्या होगा तो उन्होंने कहा कि विचारधारा से बंधे रहेंगे तो अच्छा है वरना दूसरे बहुत से कार्यकर्ता हैं. उमा भारती के विवाद पर संघ नेता ने दोहराया कि संघ के किसी नेता पर लगाया गया आरोप संघ पर ही लगाया गया आरोप है और इसे संघ गंभीरता से लेता है. संघ के प्रस्ताव संघ ने तीन दिनों की बैठक में चार प्रस्ताव पारित किए हैं जिसमें प्रमुख है पूर्वोत्तर राज्य में पृथकतावाद पर चिंता.
संघ ने ग्रेटर नागालैंड को लेकर चल रहे विवाद को लेकर गहरी चिंता ज़ाहिर की है और कहा है कि चर्च की शह पर आदिवासियों का धर्मांतरण किया जा रहा है. इसके अलावा संघ ने भारत-पाकिस्तान चर्चा में जम्मू कश्मीर के मुख्य मुद्दा बन जाने पर आपत्ति जताई है. संघ ने सियाचिन से सेना हटाए जाने के प्रस्ताव पर भी अपना विरोध प्रकट किया है. संघ के प्रवक्ता राममाधव ने एक और प्रस्ताव का ज़िक्र करते हुए कहा कि संघ देश में बढ़ते अल्पसंख्यकवाद पर भी चिंतित है. उन्होंने कहा कि संघ मानता है कि यूपीए की केंद्र में वापसी के बाद अल्पसंख्यकों की तुष्टिकरण की राजनीति बढ़ी है. इसके लिए उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का उदाहरण दिया. इसके अलावा संघ ने जातीय वैमनस्य और छुआछूत को दूर करने की भी हिमायत की है. |
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