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शुक्रवार, 09 सितंबर, 2005 को 08:09 GMT तक के समाचार

संकट सुलझाने की कोशिशें तेज़

भारतीय जनता पार्टी में मदनलाल खुराना के बचाव में अटल बिहारी वाजपेयी के उतर आने से पार्टी में गहराए संकट को सुलझाने की कोशिशें तेज़ हो गई हैं.

इस मामले के संबंध में अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी की फ़ोन पर बात हुई है.

साथ ही संकट को सुलझाने के लिए मेल-मुलाक़ातों का दौर शुरु हो गया है. शुक्रवार सुबह वैंकया नायडू और जसवंत सिंह की लालकृष्ण आडवाणी के घर बैठक हुई और उसके बाद दोनों नेताओं की अटलबिहारी वाजपेयी से मुलाक़ात हुई.

इधर मदनलाल खुराना ने अटलबिहारी वाजपेयी से मुलाक़ात की है. इसके बाद खुराना ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने वाजपेयी से कहा कि वो लालकृष्ण आडवाणी और उन्हें बुला लें और जो गिले-शिकवे हैं, वे आमने-सामने बैठकर दूर कर लेंगे.

खुराना ने कहा,'' मैं न्याय और सिद्धांतों की लड़ाई लड़ रहा हूँ. जो जीवन बचा है वो मैं पार्टी की सेवा करना चाहता हूँ. लेकिन मैं काम इज़्जत से करना चाहता हूँ.''

संकट यह है कि 16 सितंबर से भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होनी है जो अंदरूनी विवाद के कारण पहले भी एक बार टल चुकी है.

कुछ दिन पहले ही पार्टी अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने मदनलाल खुराना के निष्कासन को हरी झंडी दी थी. उसके बाद वाजपेयी ने पार्टी अध्यक्ष के इस फ़ैसले को दुर्भाग्यपूर्ण क़रार दे दिया था.

आडवाणी पर निशाना

प्रेक्षक वाजपेयी के बयान को पार्टी अध्यक्ष आडवाणी पर सीधा निशाना मान रहे हैं.

अभी तक वाजपेयी आडवाणी का हर मुद्दे पर साथ देते रहे हैं. जब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ जिन्ना की तारीफ़ में दिए बयान को लेकर आडवाणी पर निशाना साध रहा था, उस वक़्त वाजपेयी आडवाणी के समर्थन में खड़े थे.

वाजपेयी ने खुराना को खुला समर्थन देकर आडवाणी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं.

अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने बयान में कहा था कि 'खुराना ने पार्टी की 40 साल निस्वार्थ भाव से सेवा की है और पार्टी के संदेश को दूर दूर तक पहुँचाने का प्रयत्न किया है.'

वाजपेयी ने कहा कि 'खुराना पर पार्टी विरोधी कार्य करने का आरोप लगाया गया है लेकिन अच्छा होता कि खुराना के ख़िलाफ़ कार्रवाई के बजाए उन्हें अपनी सफ़ाई पेश करने का एक और मौक़ा दिया जाता.'

ग़ौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी की अनुशासन समिति ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना को पार्टी से निकाल दिए जाने की सिफ़ारिश की थी.

मदनलाल खुराना ने पार्टी अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी से गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को न हटाने के लिए उनके ही इस्तीफ़े की माँग कर दी थी.

गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने आडवाणी को फिर आड़े हाथों लिया और कहा कि उनका रवैया 'तानाशाहीपूर्ण' है.