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बुधवार, 14 सितंबर, 2005 को 08:50 GMT तक के समाचार
 
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हल नहीं है ऐसे अंधविश्वास का
 

 
 
छत्तीसगढ़ के ज़्यादातर इलाक़ों में महिलाएँ हल चलाती हैं
छत्तीसगढ़ के सरगुजा की एक आदिवासी युवती को खेत जोतने के लिए इस्तेमाल होने वाला हल छूना महंगा पड़ा और पंचायत ने उसे बैल के साथ खेत में जोत दिया.

इस इलाक़े में अंधविश्वास के कारण महिलाओं के लिए हल छूना प्रतिबंधित है. मान्यता है कि महिलाओं के हल छूने से देवता नाराज़ हो जाते हैं और फसल ख़राब हो जाती है. हालांकि राज्य के कई दूसरे हिस्सों में महिलाएँ भी हल चलाती हैं.

सरगुजा के नवगई गाँव की अंतरदेसिया नामक युवती ने पिछले महीने 25 अगस्त को एक खेत में पड़े हल का फाल निकाला था. ऐसा करते हुए गांव के एक व्यक्ति ने उसे देखा और बात धीरे-धीरे पूरे गांव में फैल गई.

गांव और आस-पास के इलाके में इस घटना की चर्चा के बाद गांव की पंचायत बुलाई गई. ग़ौर करने की बात ये है कि गांव की सरपंच भी एक महिला ही है.

फ़ैसला

इस पंचायत में अंतरदेसिया पर आरोप लगाया गया कि उसने हल छूकर इंद्र देवता को नाराज़ कर दिया है. पंचायत का कहना था कि उसके हल छूने के कारण ही इस इलाके में बारिश नहीं हो रही है.

 मैं यह सोचकर पंचायत में गया था कि आज के इस समय में ऐसी बातों पर कौन विश्वास करेगा और मेरी पत्नी के ख़िलाफ़ पिछले कुछ दिनों से गांव भर में चल रही सुगबुगाबट शांत हो जाएगी
 
अंतरदेसिया के पति

इसके अलावा अंतरदेसिया पर टोना-टोटका करने का भी आरोप लगाया गया. इस पंचायत का संचालन महिला सरपंच के पति जीतलाल ने किया.

गांव के बड़े-बूढ़ों की इस पंचायत ने फ़ैसला सुनाया कि अंतरदेसिया को बैल की जगह खेत में जोत दिया जाए.

22 साल की अंतरदेसिया ने जब पंचायत के इस फ़ैसले का विरोध किया तो उसके साथ मारपीट की गई और अंततः उसे हल के आगे बैल के साथ बांध कर खेत में जोत दिया गया.

अंतरदेसिया के पति रामजनक कहते हैं- “मैं यह सोचकर पंचायत में गया था कि आज के इस समय में ऐसी बातों पर कौन विश्वास करेगा और मेरी पत्नी के ख़िलाफ़ पिछले कुछ दिनों से गांव भर में चल रही सुगबुगाबट शांत हो जाएगी.”

लेकिन उनका अनुमान ग़लत निकला.

सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में रोती-बिलखती अंतरदेसिया बैल के साथ खेत जोतती रही.

मजबूरी

अंतरदेसिया के ससुर धनुकधारी का कहना है कि इस मामले में हमारे सामने पंचायत के फ़ैसले को मानने के अलावा कोई चारा नहीं था. गांव में हम सबसे कमज़ोर लोग हैं और हमारी सुनने वाला कोई नहीं है.

घटना के अगले दिन इस आदिवासी परिवार ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज़ कराई. मंगलवार को इस मामले में शामिल 40 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है और उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई कर रही है.

ज़िले के कलेक्टर मनोज पिंगुआ इस मामले में किसी को भी नहीं बख्शने की बात कह रहे हैं.

लेकिन अंतरदेसिया की इच्छा है कि पंचायत में बैठे सभी लोगों से वह एक सवाल पूछे. घटना के बाद से लगभग ख़ामोश हो गयी अंतरदेसिया रोते हुए कहती है- “क्या मुझे खेत में जोत देने से बारिश हो गई?”

 
 
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