|
भाजपा में नेतृत्व के दावेदार | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
भारतीय जनता पार्टी में एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई कि कौन युवा नेता हैं जिन्हें पार्टी का नेतृत्व सौंपा जा सकता है. इसके पहले संघ के प्रमुख केएस सुदर्शन ने सलाह दी थी कि अटलबिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी दोनों की उम्र अधिक हो गई है और अब उन्हें रिटायर हो जाना चाहिए. भाजपा में ये नेता नेतृत्व दावेदार माने जाते हैं. सुषमा स्वराज
सुषमा स्वराज महिला हैं, ज़ोरदार वक्ता हैं और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को चुनौती दे चुकी हैं. साथ वो लालकृष्ण आडवाणी के क़रीबी मानी जाती हैं. उनकी पृष्ठभूमि समाजवादी है इसलिए संघ परिवार उन्हें बाहर का मानता है. अरुण जेटली अरुण जेटली भी लालकृष्ण आडवाणी के नज़दीकी माने जाते हैं. उनके पक्ष में मध्य प्रदेश, कर्नाटक और बिहार के चुनाव नतीजे जाते हैं. साथ ही उनकी छवि साफ़ सुथरी है और वो अच्छे वक्ता हैं. उनकी पृष्ठभूमि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की है. लेकिन उनके सबसे बड़ी खामी यह है कि उन्होंने आजतक लोक सभा चुनाव नहीं लड़ा है. प्रमोद महाजन प्रमोद महाजन भी भाजपा के शीर्ष पद के दावेदार हैं. महाजन अच्छे वक्ता और प्रबंधक हैं. लेकिन वित्तीय मसलों को लेकर उन पर उंगलियाँ उठती रही हैं. इसको लेकर संघ को आपत्ति हो सकती है. लेकिन ऐसी ख़बरें हैं कि पिछले कुछ अरसे से वो संघ नेताओं को स्पष्टीकरण दे रहे हैं कि इनमें सच्चाई नहीं है और वो अपने में बदलाव कर रहे हैं. राजनाथ सिंह वेकैंया नायडू ने जब पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ा था तो राजनाथ सिंह के नाम पर भी विचार हुआ था. राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं. झारखंड में उनके प्रभार में पार्टी वहाँ सरकार बनाने में सफल रही. लेकिन युवा पीढ़ी की बात आने पर वो थोड़े पिछड़ जाते हैं. नरेंद्र मोदी
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी संघ के क़रीबी माने जाते हैं. वो संघ के प्रचारक रहे हैं. साथ ही वो अन्य पिछड़ी जाति से हैं. उन पर निरंकुश होने के आरोप लगते रहे हैं. साथ ही गुजरात दंगों को लेकर उन पर गंभीर आरोप लगे हैं. वेंकैया नायडू वेंकैया नायडू पार्टी अध्यक्ष संभाल चुके हैं. लेकिन कुछ समय पहले जब नई पीढ़ी के दावेदारों की होड़ छिड़ी थी तो वेंकैया ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. एनडीए की हार ने उनके आड़े आ सकती है. वो भी लालकृष्ण आडवाणी की टीम के माने जाते हैं. उमा भारती उमा भारती प्रखर वक्ता हैं और संघ परिवार से उनके क़रीबी रिश्ते रहे हैं. वो पिछड़ी जाति से हैं और उन्होंने मध्य प्रदेश में भाजपा की जीत में अहम भूमिका अदा की थी. उमा राजनीतिक और आर्थिक नीतियों के मामले में कट्टरपंथी मानी जाती हैं. किसी भी मसले पर स्थिर न रहना उनकी कमजोरी है. |
| ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||