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बिहार में चार चरण में मतदान होगा | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
चुनाव आयोग शनिवार को बिहार विधानसभा का चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिया है. चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि बिहार में विधानसभा के लिए चार चरणों में मतदान होगा. आयोग ने कहा है कि मतदान 18 और 26 अक्तूबर के साथ-साथ 13 और 19 नवंबर को होगा. मतगणना 22 नवंबर को होगी. मुख्य चुनाव आयुक्त ने बीबी टंडन ने घोषणा की कि चुनाव आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है. चुनाव आयोग का कहना है कि दशहरा, दीपावली, ईद और छठ के कारण मतदान की तारीख़ों में इतना अंतर रखा गया है. मुख्य चुनाव आयुक्त बीबी टंडन ने बताया कि बिहार में 5.27 करोड़ मतदाता हैं और 243 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 50 हज़ार से अधिक मतदान केंद्र बनाए जाएंगे. चुनाव आयोग ने बिहार की क़ानून व्यवस्था को लेकर अप्रसन्नता ज़ाहिर की है. चुनाव आयुक्त ने स्पष्ट किया कि आयोग मतदान के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर ख़ासा गंभीर है. सुरक्षा व्यवस्था चुनाव आयोग ने राज्य प्रशासन को अपराधियों पर लगाम कसने की सिफ़ारिश की है. साथ ही इन चार ज़िलों के पुलिस प्रमुखों की भूमिका पर भी उंगली उठाई है.
चुनाव आयुक्त ने बताया कि बिहार प्रशासन से उन्हें जानकारी मिली है कि 76471 ग़ैरजमानती वारंट तामील नहीं हो पाए हैं. इनमें से अधिकतर चार ज़िलों, सिवान, बक्सर, औरंगाबाद और बाँका में हैं. चुनाव आयोग सभी संवेदनशील मतदान केंद्रों की वीडियोग्राफ़ी कराएगा. बीबी टंडन ने बाताया कि 65 फ़ीसदी मतदाताओं को पहचानपत्र दे दिए गए हैं. 23 मई को केंद्र सरकार ने बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने का फ़ैसला किया था. उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा भंग करने के केंद्र सरकार के फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है और मुख्य न्यायाधीश आरसी लाहोटी की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय पीठ इसकी सुनवाई कर रहा है. इसके पहले बिहार में चुनावी तैयारियों का जायज़ा लेने के सिलसिले में चुनाव आयोग का दो सदस्यीय दल पटना गया था. आयोग ने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और राज्य प्रशासन के साथ चुनाव की तैयारियों के संबंध में बातचीत की थी. इसके बाद उन्होंने आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. |
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