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बुधवार, 31 अगस्त, 2005 को 16:04 GMT तक के समाचार

सांप्रदायिक सदभाव के लिए क़ानून बनेगा

राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक के बाद सरकार ने कहा है कि देश में सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए जल्दी ही एक क़ानून बनाया जाएगा.

इसके अलावा ये फ़ैसला किया गया है कि राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक नियमित रुप से होनी चाहिए. हालांकि सरकार ने यह नहीं बताया कि कितनों दिनों में ये बैठकें होंगी.

तेरह साल बाद हो रही परिषद की बैठक का एजेंडा देश में सांप्रदायिक सदभावना था. यूपीए सरकार के गठन के बाद इस परिषद का पुनर्गठन किया गया है.

बैठक ख़त्म होने के बाद एक पत्रकारवार्ता में केंद्रीय गृहमंत्री शिवराज पाटिल ने कहा कि सांप्रदायिक सदभावना बनाए रखने के लिए कई सुझाव दिए गए.

उन्होंने बताया कि कई सदस्यों ने कहा कि एक ऐसा क़ानून बनाया जाना चाहिए जिससे सांप्रदायिक तनाव को रोकने के लिए राज्य प्रभावी क़दम उठा सकें.

उन्होने कहा कि यदि राज्य इसमें सफल नहीं होते हैं तो ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि केंद्र प्रभावी ढंग से इसमें हस्तक्षेप कर सके.

सरकार ने यह सुझाव भी मान लिया है कि तनावग्रस्त इलाक़े में तत्काल राहत उपलब्ध करवाया जाए और यदि राहत न पहुँचने की शिकायत मिले तो अधिकारियों का एक दल तत्काल वहाँ रवाना किया जाए.

वे इस सवाल को टाल गए कि क्या उन राज्यों के बारे में भी बात हुई जहाँ सांप्रदायिक सदभावना का रिकॉर्ड ठीक नहीं है.

इस बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, तीन पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी, इंद्रकुमार गुजराल और वीपी सिंह, नेता प्रतिपक्ष लालकृष्ण आडवाणी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी तथा कई राज्यों के मुख्यमंत्री और परिषद के सदस्य उपस्थित थे.