शनिवार, 20 अगस्त, 2005 को 03:10 GMT तक के समाचार
नदीम सईद
बीबीसी उर्दू संवाददाता, मुल्तान से
पाकिस्तान में राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ पर हमले की साज़िश रचने के आरोप में सेना के एक जवान को फ़ाँसी दे दी गई है.
सेना के अब्दुल सलाम सिद्दिक़ी उर्फ़ इस्लामुद्दीन शेख़ नामक जवान को शनिवार तड़के साढ़े चार बजे मुल्तान की सेंट्रल जेल में फ़ाँसी दी गई.
राष्ट्रपति मुशर्रफ़ द्वारा क्षमादान की अपील ठुकरा दिए जाने के बाद उसे फ़ाँसी दिया जाना तय माना जा रहा था.
अब्दुल सलाम का शव लेने के लिए उसके पिता करीम बख़्श और अन्य परिजन पहले ही सिंध के जैकबाबाद से मुल्तान आ चुके थे.
उल्लेखनीय है कि 14 दिसंबर 2003 को रावलपिंडी में राष्ट्रपति मुशर्रफ़ के काफ़िले के एक पुल से गुज़रने के बाद ज़बरदस्त धमाका हुआ था.
यह हमला सेना मुख्यालय के पास झंडा चीची पुल पर हुआ था.
हालाँकि इसमें किसी को चोट नहीं लगी थी.
दो हमले
हमले के सिलसिले में पिछले साल एक सैनिक अदालत ने अब्दुल सलाम को मौत की सज़ा सुनाई थी.
![]() पिता करीम बख़्श और अन्य परिजन अब्दुल सलाम का शव लेने के लिए मुल्तान में मौजूद थे |
मामले में एक अन्य व्यक्ति को 10 वर्ष की क़ैद की सजा दी गई है.
उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2003 में मुशर्रफ़ पर दो नाकाम हमले किए गए थे.
पहले हमले के 11 दिन बाद रावलपिंडी में ही दो आत्मघाती हमलावरों ने विस्फोटकों से भरी गाड़ी से मुशर्रफ़ के काफ़िले पर हमला किया था.
इस आत्मघाती हमले में हमलावरों समेत 17 लोग मारे गए थे.
राष्ट्रपति मुशर्रफ़ ने अल क़ायदा पर हमले कराने का आरोप लगाया था.